Hindi, asked by saurabhnegi270, 5 months ago

1 point
जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है कथन
का क्या अर्थ है
*
धन से ज्यादा इज्जत का महत्व माना जाता है
O इज्जत से ज्यादा धन का महत्व माना गया है
O इज्जत और धन दोनों समान हैं
O जूते टोपी से कम कीमत पर मिलते हैं​

Answers

Answered by rupamkumarisharmaa
3

Answer:

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Answered by Anonymous
3

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प्रेमचंद ने कभी पर्दे को अर्थात् लुकाव-छिपाव को महत्त्व नहीं दिया। उन्होंने वास्तविकता को कभी टॅकने का प्रयत्न नहीं किया। वे इसी में संतुष्ट थे कि उनके पास छिपाने-योग्य कुछ नहीं था। वे अंदर-बाहर से एक थे। यहाँ तक कि उनका पहनावा भी अलग-अलग न था।

लेखक अपनी तथा अपने युग की मनोभावना पर व्यंग्य करता है कि हम पर्दा रखने को बड़ा गुण मानते हैं। जो व्यक्ति अपने कष्टों को छिपाकर समाज के सामने सुखी होने का ढोंग करता है, हम उसी को महान मानते हैं। जो अपने दोषों को छिपाकर स्वयं को महान सिद्ध करता है, हम उसी को श्रेष्ठ मानते हैं।

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