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प्रश्न.1 'वाख' पाठ के आधार पर
निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य सही है
?
भवसागर पार करने के लिए कवयित्री प्रभु भक्ति
O
को आवश्यक नहीं मानती ।
भोग और त्याग के बीच माध्यम मार्ग अपनाना
O
चाहिए।
O
कवयित्री उतराई के रूप में रूपये देना चाहती
थीं।
O O
कवयित्री के अनुसार ईश्वर स्थान विशेष का
वासी है।
Answers
सही उत्तर होगा..
➲ भोग और त्याग के बीच माध्यम मार्ग अपनाना चाहिए।
❝ कवयित्री ललद्यद के अनुसार बीच के मध्यम मार्ग को अपनाने से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। ❞
⏩ कवयित्री ललद्यद के अनुसार सांसारिक भोगों में अत्याधिक लीन होने से स्वार्थ उत्पन्न होता है और सांसारिक भोगों से विमुख होकर त्याग करने से अहंकार उत्पन्न होता है। इसलिए हमें बीच का मार्ग अपनाना चाहिए अर्थात ना तो सांसारिक भोगों में अत्याधिक मन लगाना चाहिए और ना ही बहुत अधिक त्याग की भावना पालनी चाहिए। हम बीच का संभावित मार्ग अपनाएंगे तो हम ना स्वार्थी बनेंगे और ना ही हमारे मन में अहंकार पैदा होगा। इसी से हमें अपने मन नियंत्रण स्थापित करने में सफलता मिलेगी और ईश्वर प्राप्ति का मार्ग खुलेगा।
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2.'आई सीधी राह से, गई न सीधी राह' से कवयित्री का क्या तात्पर्य है?
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Answer:
paath ke anusar bich mein क्या-क्या hai