1. राजा अकबरः सदैव प्रजानां हिताय
कार्याणि करोति स्म। एकदा सः अचिन्तयत् -
"मम प्रजासु कति जनाः निष्कपटाः स्युः।"
इति मन्त्रिणां समक्षं सः स्वशंकां प्रकटीम्
अकरोत्। Translate in Hindi
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राजा अकबर सदैव अपनी प्रजा के हित के लिए कार्य करते थे।
एक दिन वो बहुत चिंता में थे और सोच रहे थे-
" मेरी प्रजा के बहुत से लोग निष्कपट है "
ये बात वो अपने मंत्री के सामने प्रकट कर रहे थे।
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