Hindi, asked by divyansh7956, 8 months ago

1
रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही में नाव।
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।
जी में उठती रह-रह हक,घर जाने की चाह है घेरे।।
2
खा खा कर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा आहकारी।
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी साँकल बन्द द्वार की।
3
आई सीधी राह से, गई न सीधी राह।
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!
जेब टटोली कौड़ी ना पाई।
माझी को , क्या उतराई?
(१) प्रस्तुत पद्यांश के कवि व कविता का नाम क्या है?
(अ)कबीर-साखियां और सबद
(ब) ललदयद-वाख
(स) रसखान-सवैये
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(२) कवयित्री ने देश से क्या पुकार लगाई है?
(अ) रस्सी से नाव खीचने की
(ब) अपनी रक्षा करने की
(स) भवसागर पार लगाने की
(द) दया-दृष्टि दिखाने की
(३) कवयित्री ने अपने प्रयासों के व्यर्थ हो जाने की तुलना किससे की है?
(अ) कच्चे सकोरे से पानी टपकने से
(ब) सूर्य के अस्त हो जाने से
5
(स) बाढ़ के आने से
(द) पतझड़ के मौसम से​

Answers

Answered by ShivamSingh2009
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Answer:

Hxhfufufhfudhxhdyudydydyd

Explanation:

Sgdhff xhfufufhfhfufh

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