1. रसखान के सवैये पाठ का सार अपने के शब्दों में लिखखए?
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रसखान कबौं इन आँखिन सों, ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं। कोटिक हू कलधौत के धाम, करील के कुंजन ऊपर वारौं
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°°° Solution °°°
- रसखान के सवैये पाठ का भाव सौंदर्य:
- (क) कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं। उत्तर: कृष्ण के प्रेम के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यहाँ तक कि ब्रज की कांटेदार झाड़ियों के लिए भी वे सौ महलों को भी निछावर कर देंगे। (ख) माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।
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