Environmental Sciences, asked by bibeksharma48, 1 month ago

1. सेनयुग में बौद्धधर्म का प्रचार व प्रसार कम हो गया था - इस विषय पर दो या तीन लाइन लिखिए।
2. प्राचीन बंगाल के जिस अंचल और नदी का नाम द्वितीय अध्याय में पढ़ाया गया था उसकी तालिका
तैयार कीजिए।
3. भारत के सामंतीय व्यवस्था का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए। चित्र में सामंतीय व्यवस्था का त्रिभूज या
पिरामीड आकार क्यों आवश्यक है, इसकी दो या तीन लाइनों में व्याख्या कीजिए।
4. पाल और सेन युग में किस फसल की खेती होती थी उसकी तालिका तैयार कीजिए। उनमें से किन
फसलों की खेती अभी भी की जाती है, इसकी व्याख्या कीजिए।

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Answers

Answered by vishakha756
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Answer:

  1. बौद्धकाल ने ना केवल वृहद विकास का दौर देखा है अपितु सशक्त प्रथम केन्द्रिय सत्ता भी देखी है। ईस काल में भारतवर्ष् अध्यात्म एवम ज्ञान का केन्द्र बन गया था। बौद्ध धर्म के तीव्र विस्तार से उस समय धार्मिक एवम राजनैतिक के अतिरिक्त आर्थिक विकास भी खूब हुआ। भारत में बौद्ध धर्म के पतन के अनेक कारण गिनाये जाते हैं।
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  3. सामंत व्यवस्था गुप्तोत्तर काल को प्राचीन भारत के अन्य कालों से अलग करती है। सामंत का मूल अर्थ पङोसी होता है, तथा इसका प्रयोग मौर्य काल में पङोसी शासकों के लिये कौटिल्य के अर्थशास्र तथा अशोक के अभिलेख में प्रयोग किया गया है। गुप्त काल के पहले इस शब्द का प्रयोग नीतिकारों द्वारा पङोस की भूमि संपत्ति के लिये किया जाता था।
  4. रबी की फसलों को पानी के अलावा ठंडे मौसम की जरूरत होती है, जैसे गेहूं, चना, मटर, सरसों, आलू आदि। ये फसलें जाड़े के प्रारंभ यानी नवंबर में बोई जाती हैं और गरमी के प्रारंभ में यानी अप्रैल में काट ली जाती हैं। इन फसलों को पानी के अलावा गरम हवा और धूप की भी जरूरत पड़ती है। जैसे करेला, ककड़ी, तरबूज, खरबूज आदि।

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