1. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता ध्वनि को माध्यम मानते हुए इस करुणा काल में अपने विचार प्रकट कीजिए |
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Answer:
कवि का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। उसने बहुत ही कठिन हालतों का सामना किया है। जीवन में वेदना और दुख ने उसका कभी पीछा नहीं छोड़ा है। शोषक वर्गों के अत्याचार और शोषण ने उसे बहुत दुखी किया है। उसने जब भी विरोध किया है, उसकी आवाज़ को दबाया दिया गया है। उसने फिर भी हार नहीं मानी और इन सबसे लड़ता रहा है। परन्तु इन सब हालतों से लड़ते हुए उसके अंदर जीने की इच्छा समाप्त हो गई है और वह मरणासन्न स्थिति में पहुँच गया है। और उसे प्रतीत हो रहा है कि उसका कंठ अब कुछ कहने में समर्थ नहीं है तथा उसकी मृत्यु समीप ही है।
Explanation:
आशा है कि इससे सहायता मिलेगी
Answer:
कवि का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। उसने बहुत ही कठिन हालतों का सामना किया है। जीवन में वेदना और दुख ने उसका कभी पीछा नहीं छोड़ा है। शोषक वर्गों के अत्याचार और शोषण ने उसे बहुत दुखी किया है। उसने जब भी विरोध किया है, उसकी आवाज़ को दबाया दिया गया है। उसने फिर भी हार नहीं मानी और इन सबसे लड़ता रहा है। परन्तु इन सब हालतों से लड़ते हुए उसके अंदर जीने की इच्छा समाप्त हो गई है और वह मरणासन्न स्थिति में पहुँच गया है। और उसे प्रतीत हो रहा है कि उसका कंठ अब कुछ कहने में समर्थ नहीं है तथा उसकी मृत्यु समीप ही है।
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