Math, asked by kosekanchna, 3 months ago

1.
सबके ही जीवन में सुख-दुख एक-एक कर आता।
जीवन की छोटी धारा को अपने साथ बहाता।
नित्य वाटिका में लखते हो फूलों का खिल जाना।
किंतु भूलते हो तुम, यह तो है उनका मुरझाना।।
और यही है उनके जीवन की भी अंतिम सीमा।
स्वतः गिरेंगे आज, हो चुका सबका वैभव धीमा।।
जिसे समझते हो वियोग, वह तो है उससे मिलना।
जिसे मिलन का सुख समझे हो वह है आह, बिछुड़ना।
छिपा इसी में भेद, यही है जग की करुण कहानी।
क्षणभंगुर हो, हो जाओगे पल में पानी-पानी।।
निज पथ पर दृढ़ रहो शांति से यह रहस्य मत खोलो।
ओ, निष्ठुर! अब स्वप्न जगत में आ-आकर मत बोलो।
अपनेपन में भूली हूँ यह जग तो हाय बिराना।
ऐ मेरे जीवन-प्रदीप तुम क्षण भर में बुझ जाना।
(क) जीवन में आने वाले सुख-दुख की क्या विशेषता है?
(ख) खिले फूल की नियति क्या है?
(ग) जीवन-पथ पर चलते मनुष्य से कैसे व्यवहार की आशा की जाती है?
(घ) जग की करुण कहानी का भेद क्या है?
(ङ) कवयित्री ने जीवन रूपी दीपक को क्या आदेश दिया है?

क​

Answers

Answered by sushma1812
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Answer:

क सबके जीवन मे सुख दुख एक एक करके आता है

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