1. सफलता प्राप्ति के लिए क्या क्या अनिवार्य है।जीवन का लक्ष्य
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अपने मंज़िल तक पहोचना ओर कोसिस करते रहना हार नही मनना जब तक कि आपको आपकी मंज़िल न मिल जाये
1. मानसिक ऊर्जा
छोटे सकारात्मक लक्ष्य बनाएं. किसी एक बड़ी सफलता से ज्यादा अधिक मानसिक बल छोटी-छोटी कई सफलताओं से मिलता है.
2. जानकारी को बढ़ाते रहें
ज्ञान और कौशल ऐसे हथियार हैं जो कमार्इ के साथ करियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते हैं. इसलिए अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहना चाहिए.
3. सही खान-पान और नियमित व्यायाम .
सही खान-पान और नियमित रूप से व्यायाम करके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएं. परिवार, दोस्तों और अपने शौक की चीजें करें. इससे आप अपनी भावनात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकेंग
4. अच्छा व्यवहार जरूरी
. दूसरों से गलत तरीके से पेश आने पर भी गलती को नजरअंदाज किया जाता है. लेकिन, यह तभी तक होता है जब तक कोर्इ और बेहतर व्यक्ति आप की जगह लेने के लिए तैयार नहीं हो जाता है. अगर वह व्यवहार कुशल है तो जल्दी ही आप की जगह चली जाती है.
5. जीवन का मकसद जानें
जीवन का मकसद खोजना बहुत जरूरी है. यह आपको उत्साहित रखता है. यह आपको तेजी से प्रगति करने के लिए प्रेरित करेगा.
6. सवाल पूछने में न हिचकिचाएं
दूसरों के साथ बातचीत करने में झिझक होती है तो इस पर काम करें. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कम बोलते हैं या बहुत बातूनी हैं. जब आप कोर्इ बात नहीं समझ पाते हैं तो सवाल जरूर करें. मार्गदर्शन के लिए अपने मैनेजर का धन्यवाद करना नहीं भूलें. अपने काम को बेचने का हुनर आपको आना चाहिए. जब कोई आपसे बात करे तो उसकी बात धैर्यपूर्वक सुननी चाहिए.
7. काम और परिवार को अलग-अलग रखें
आपका जीवन बहु-आयामी होता है. लेकिन, सफल होने के लिए आपको हर पल को जीना चाहिए. परिवार और काम को अलग-अलग रखें. अपनी निराशा को एक से दूसरे में न ले जाएं. इसी प्रकार दोस्तों और सहयोगियों के बीच अंतर रखें. उनसे अलग-अलग व्यवहार करें. आफिस के समय निजी काम न करें. जिम्मेदारी लेने से बिल्कुल नहीं कतराएं.
8. सही दिशा में काम करें
अगर आपने कड़ी मेहनत करने का फैसला कर लिया है तो सवाल उठता है कि आप कब और कहां इसे करेंगे? निरंतर सीखने और विकास के लिए सही जगह की तलाश करें. मौका मिलने पर सही जगह और समय .
9. तय वक्त से 15 मिनट पहले
ये 15 मिनट जादू की छड़ी से कम नहीं होते हैं. इसकी मदद से आप दूसरों पर शानदार प्रभाव डाल पाते हैं.
10. अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें
आप सबसे पहले अपनी जिम्मेदारी हैं. इसलिए अपने भविष्य को देखते हुए अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें. उन कार्यों को परिभाषित करें जिन्हें आपको करना है. इन्हें आदत में शुमार करें. एक बार जब आप अपनी मदद करने की जिम्मेदारी ले लेते हैं, तो दूसरों के लिए भी उपलब्ध हो जाते हैं.