1. समास किसे कहते हैं? समस्तपद से आप क्या समझते हैं?
2. समास विग्रह में कितने पद माने गए हैं? उनके नाम लिखिए।
3. संधि और समास में क्या अंतर है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
4. कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
5. समास के कितने भेद हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण भी दीजिए।
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Answer:
hi
Explanation:
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1.समास का अर्थ है 'संक्षिप्तीकरण'। हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं। ... इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
2.पूर्वपद और उत्तरपद
समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे-गंगाजल। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।
3.संधि में वर्णों के योग से वर्ण परिवर्तन हो सकता है किन्तु समास में ऐसा नहीं होता। संधि हिंदी के केवल तत्सम पदों में होती है वहीँ समास संस्कृत तत्सम, हिंदी, उर्दू हर प्रकार के पदों में हो सकता है। संधि में विभक्ति या शब्द का लोप नहीं होता किन्तु समास में विभक्ति या पद का लोप हो सकता है।
4.कर्मधारय समास में एक पद विशेषण या उपमान होता है और दूसरा पद विशेष्य या उपमेय होता है। जैसे-'नीलगगन' में 'नील' विशेषण है तथा 'गगन' विशेष्य है। ... बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही किसी संज्ञा के विशेषण का कार्य करता है। जैसे- 'चक्रधर' चक्र को धारण करता है जो अर्थात 'श्रीकृष्ण'।
5.समास के 6 भेद है -
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- द्विगु समास
- द्वंद समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
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