1.सन्धिं सन्धिच्छेदं वा विधाय लिखत :- गात्रेष्वपि
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Gatr + Ashwapi
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गात्रेषु + अपि (यण् सन्धि इको यणचि)
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यण संधि की परिभाषा
जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।
यण संधि के उदाहरण
- अधि + आय : अध्याय (इ + आ = या)
- अनु + एषण : अन्वेषण (उ + ए = व्)
- अधि + अयन : अध्ययन (इ + अ = य)
- अनु + इत : अन्वित (उ + इ = वि)
- इति + आदि : इत्यादि (इ + आ = या )
- प्रति + एक : प्रत्येक (इ + ए = ये)
- अति + आवश्यक : अत्यावश्यक (इ + आ = या)
यण संधि के कुछ अन्य उदाहरण :
अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य)
प्रति + अक्ष : प्रत्यक्ष (इ + अ = य)
प्रति + आघात : प्रत्याघात (इ + आ = या)
अति + अंत : अत्यंत (इ + अ = य)
संधि विच्छेद = गात्रेषु + अपि
विधा = (यण् सन्धि इको यणचि)
आशा है ये आपके लिए सहायक होगा
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