1. "सशक्त बेटियां -सशक्त भारत" विषय पर निबंध
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Explanation:
महिला सशक्तीकरण के लिए मूल सिद्धांत हैं कि महिलाओं को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार, वित्तीय सुरक्षा, न्यायिक शक्ति और वे सारे अधिकार जो पुरुषों को प्राप्त हैं वह मिलना चाहिए । मतलब ये कि महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकारों का आनंद मिलना चाहिए। अगर साफ शब्दों में कहें तो लिंग आधारित कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए । हालांकि परंपरागत मानदंड और ये प्रथा तेजी से बदल रहे हैं, फिर भी महिलाओं को ये जानना चाहिए कि उनके मूल और सामाजिक अधिकार क्या है । सशक्त महिलाओं का मतलब है कि महिलाओं को अपने व्यक्तिगत लाभों के साथ ही साथ ही समाज के लिए अपने स्वयं के निर्णय ले सकने में सक्षम हो । महिला सशक्तिकरण का मतलब ये कि अब ये महिलाएं के साथ पितृसत्ता का स्थान ले रहा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महिला विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। भारत की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और सरकार उनके योगदान और क्षमता को पहचानती है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर कई मजबूत कदम उठाए हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं और उनके दैनिक जीवन और उनकी दीर्घकालिक संभावनाओं को सुधारने के लिए कई पहल की है। केंद्र सरकार ने अपने कामकाज की बदौलत एक तरह से महिलाओं को एक साथ जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले, श्री नरेंद्र मोदी ने उन महिलाओं के साथ सहानुभूति व्यक्त की थी जो असुरक्षित और अस्वास्थ्यकर वातावरण में अपने परिवारों के लिए खाना पकाया करती थी । लकड़ी से निकलने वालें धुएं, और स्टोव के धुएं के खतरनाक प्रभाव से महिलाओं को मुक्त करने के लिए उज्ज्वळा योजना शुरू की गई। गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के परिवारों को बेहतर जीवन के लिए सरकार ने उन्हें बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ , न केवल लिंग समानता की दिशा में परिवर्तनकारी पहल है बल्कि इसने जनता और सरकार के बीच विश्वास को मजबूत भी किया है। इस योजना का परिणाम हरियाणा में काफी हद तक दिखाई देने भी लगा है , जहां हर 1000 पुरुषों के लिए लिंग अनुपात 950 महिलाओं तक पहुंच गया है हाल तक यहां के आंकड़ें काफी चिंताजनक थे इस योजना के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के बारे में जागरूकता लाकर समाज को बेहतर बनाना है। ये योजना सदियों पुरानी धारणाओं और प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में भी काम करती है, जाहिर है ये सब गतिविधियां महिलाओं के विकास के लिए सहायक है
स्टैंड-अप इंडिया के तहत, महिला उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ तक के ऋण को मंजूरी दी गई है| कौशल विकास योजना में लगभग 375 व्यापारिक उद्दमियों में से करीब आधे महिलाएं हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने न केवल महिलाओं को वित्तीय रूप से मजबूत किया बल्कि उनके स्वास्थ्य और भलाई का भी ध्यान रखा है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने मातृत्व विधेयक को भी पारित किया, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को और अधिक मातृत्व अवकाश और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
MUDRA(मुद्रा )एक नई संस्था है जो भारत सरकार की तरफ से गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र में काम करने वाली गतिविधियों को फाइनेंस प्रदान करने के लिए बनाई गई है,। इस योजना के तहत ऐसे लोगों की मदद की जाती है जिन्हें लोन की आवश्यकता 10 लाख रुपये से कम होती है।
सरकार ने व्यापार में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इन्हीं प्रयासों के परिणाम के रूप में मुद्रा योजना में देखा जा सकता है । यहां उद्यमियों को कम ब्याज दरों पर ऋण मिल सकता है।
महिला ई-हाट एक अनोखा ऑनलाइन मंच है जहां महिलाओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है साथ ही सरकार के इस कदम से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत बनने का अवसर भी मिल रहा है। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ई-हाट तीन चरणों की श्रृंखला का पहला चरण मात्र है। दूसरे चरण में व्यापार और वाणिज्य के साथ एक बड़ा मंच प्रदान करने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल्स के साथ जुड़ना होगा और आखिरकार, यह एक महिला उद्यमियों के परिषद के रूप में परिणति हो रहा है , जो इस उद्यम को व्यापक बनाने और संस्थागत बनाने में मदद करेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना… सरकार द्वारा लड़की की सुरक्षा और भविष्य के साथ साथ समाज में सकारात्मक मानसिकता बनाने के प्रयास के रूप में ही शुरू किया गया था। इसके अलावा ‘नई रोशनी योजना’ अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए डिजाइन की गई है ताकि वे उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। सरकार की ये योजना ‘सबका साथ सबका विकास’ के विजन से जुड़ी हुई है।
महिलाओं ने गैर-पारम्परिक क्षेत्रों और व्यवसायों में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है । पहली बार, 3 महिला लड़ाकू पायलटों को भारतीय वायु सेना में नियुक्त किया गया। देश में परिवर्तन और प्रगति की एक लहर चल पड़ी है और महिलाएं भी इस बदलाव का एक हिस्सा बन लैंगिक पूर्वाग्रह और असमानता से आगे बढ़ रहीं हैं।
हर रोज आसानी से कई भूमिकाओं को निभाने वाली महिलाएं निर्विवाद रूप से किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होती है। प्रेमीयुक्त बेटियां, माताओं , सक्षम सहकर्मियों और कई अन्य भूमिकाओं में वह हमारी चारों तरफ रहा करती है। महिलाएं बिना किसी दोष और कृपा के साथ अहम भूमिका निभाती है। राष्ट्र के विकास और प्रगति के लिए भी महिलाओं की सहायता और भागीदारी महत्वपूर्ण और आवश्यक है। इस भागीदारी को सुनिश्चित करने और प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है । ताकि महिलाएं उद्यमिता प्रशिक्षण लेकर स्वांबलंबन बने, शिक्षित हो, और घर परिवार की हर मोर्चे पर स्वास्थ्य से लेकर वित्तीय पैमाने पर सहायता करे । ताकि वह कंधे से कंधे मिलाकर न्यू इंडिया बनाने में बेहतर तरीके से सहभागी बनें…
सशक्त नारी, सशक्त भारत
महिला सशक्तीकरण के लिए मूल सिद्धांत हैं कि महिलाओं को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार, वित्तीय सुरक्षा, न्यायिक शक्ति और वे सारे अधिकार जो पुरुषों को प्राप्त हैं वह मिलना चाहिए । मतलब ये कि महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकारों का आनंद मिलना चाहिए। अगर साफ शब्दों में कहें तो लिंग आधारित कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए । हालांकि परंपरागत मानदंड और ये प्रथा तेजी से बदल रहे हैं, फिर भी महिलाओं को ये जानना चाहिए कि उनके मूल और सामाजिक अधिकार क्या है । सशक्त महिलाओं का मतलब है कि महिलाओं को अपने व्यक्तिगत लाभों के साथ ही साथ ही समाज के लिए अपने स्वयं के निर्णय ले सकने में सक्षम हो । महिला सशक्तिकरण का मतलब ये कि अब ये महिलाएं के साथ पितृसत्ता का स्थान ले रहा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महिला विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। भारत की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और सरकार उनके योगदान और क्षमता को पहचानती है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर कई मजबूत कदम उठाए हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं और उनके दैनिक जीवन और उनकी दीर्घकालिक संभावनाओं को सुधारने के लिए कई पहल की है। केंद्र सरकार ने अपने कामकाज की बदौलत एक तरह से महिलाओं को एक साथ जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले, श्री नरेंद्र मोदी ने उन महिलाओं के साथ सहानुभूति व्यक्त की थी जो असुरक्षित और अस्वास्थ्यकर वातावरण में अपने परिवारों के लिए खाना पकाया करती थी । लकड़ी से निकलने वालें धुएं, और स्टोव के धुएं के खतरनाक प्रभाव से महिलाओं को मुक्त करने के लिए उज्ज्वळा योजना शुरू की गई। गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के परिवारों को बेहतर जीवन के लिए सरकार ने उन्हें बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ , न केवल लिंग समानता की दिशा में परिवर्तनकारी पहल है बल्कि इसने जनता और सरकार के बीच विश्वास को मजबूत भी किया है। इस योजना का परिणाम हरियाणा में काफी हद तक दिखाई देने भी लगा है , जहां हर 1000 पुरुषों के लिए लिंग अनुपात 950 महिलाओं तक पहुंच गया है हाल तक यहां के आंकड़ें काफी चिंताजनक थे इस योजना के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के बारे में जागरूकता लाकर समाज को बेहतर बनाना है। ये योजना सदियों पुरानी धारणाओं और प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में भी काम करती है, जाहिर है ये सब गतिविधियां महिलाओं के विकास के लिए सहायक है
स्टैंड-अप इंडिया के तहत, महिला उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ तक के ऋण को मंजूरी दी गई है| कौशल विकास योजना में लगभग 375 व्यापारिक उद्दमियों में से करीब आधे महिलाएं हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने न केवल महिलाओं को वित्तीय रूप से मजबूत किया बल्कि उनके स्वास्थ्य और भलाई का भी ध्यान रखा है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने मातृत्व विधेयक को भी पारित किया, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को और अधिक मातृत्व अवकाश और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
MUDRA(मुद्रा )एक नई संस्था है जो भारत सरकार की तरफ से गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र में काम करने वाली गतिविधियों को फाइनेंस प्रदान करने के लिए बनाई गई है,। इस योजना के तहत ऐसे लोगों की मदद की जाती है जिन्हें लोन की आवश्यकता 10 लाख रुपये से कम होती है।
सरकार ने व्यापार में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इन्हीं प्रयासों के परिणाम के रूप में मुद्रा योजना में देखा जा सकता है । यहां उद्यमियों को कम ब्याज दरों पर ऋण मिल सकता है।
महिला ई-हाट एक अनोखा ऑनलाइन मंच है जहां महिलाओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है साथ ही सरकार के इस कदम से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत बनने का अवसर भी मिल रहा है। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ई-हाट तीन चरणों की श्रृंखला का पहला चरण मात्र है। दूसरे चरण में व्यापार और वाणिज्य के साथ एक बड़ा मंच प्रदान करने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल्स के साथ जुड़ना होगा और आखिरकार, यह एक महिला उद्यमियों के परिषद के रूप में परिणति हो रहा है , जो इस उद्यम को व्यापक बनाने और संस्थागत बनाने में मदद करेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना… सरकार द्वारा लड़की की सुरक्षा और भविष्य के साथ साथ समाज में सकारात्मक मानसिकता बनाने के प्रयास के रूप में ही शुरू किया गया था। इसके अलावा ‘नई रोशनी योजना’ अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए डिजाइन की गई है ताकि वे उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। सरकार की ये योजना ‘सबका साथ सबका विकास’ के विजन से जुड़ी हुई है।
महिलाओं ने गैर-पारम्परिक क्षेत्रों और व्यवसायों में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है । पहली बार, 3 महिला लड़ाकू पायलटों को भारतीय वायु सेना में नियुक्त किया गया। देश में परिवर्तन और प्रगति की एक लहर चल पड़ी है और महिलाएं भी इस बदलाव का एक हिस्सा बन लैंगिक पूर्वाग्रह और असमानता से आगे बढ़ रहीं हैं।
हर रोज आसानी से कई भूमिकाओं को निभाने वाली महिलाएं निर्विवाद रूप से किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होती है। प्रेमीयुक्त बेटियां, माताओं , सक्षम सहकर्मियों और कई अन्य भूमिकाओं में वह हमारी चारों तरफ रहा करती है। महिलाएं बिना किसी दोष और कृपा के साथ अहम भूमिका निभाती है। राष्ट्र के विकास और प्रगति के लिए भी महिलाओं की सहायता और भागीदारी महत्वपूर्ण और आवश्यक है। इस भागीदारी को सुनिश्चित करने और प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है । ताकि महिलाएं उद्यमिता प्रशिक्षण लेकर स्वांबलंबन बने, शिक्षित हो, और घर परिवार की हर मोर्चे पर स्वास्थ्य से लेकर वित्तीय पैमाने पर सहायता करे । ताकि वह कंधे से कंधे मिलाकर न्यू इंडिया बनाने में बेहतर तरीके से सहभागी बनें…