1. शान्तनु के बाद कुरु वंश का क्रम क्या रहा ? लिखिए।
2. देवव्रत के गुणों का उल्लेख कीजिए।
3. ऋषि दुर्वासा ने कुन्ती को कौन सा वरदान दिया ?
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- सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र थे। क: कुरु साम्राज्य के संस्थापक कुरु थे। इसके बाद राजा शांतनु। ... ग: विचित्रवीर्य के निधन के बाद व्यास से धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ।
- 8 देवव्रत के गुणों का उल्लेख कीजिए। उत्तर - देवव्रत ने शिक्षा महर्षि वसिष्ठ से ली थी । शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण कौशल में परशुराम ही उनका मुकाबला कर सकते थे । यह जितने कुशल योद्धा थे उतने ही चतुर राजनीतिज्ञ थे।
- कुंती की सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि दुर्वासा ने उन्हें ऐसा मंत्र बताया था जिसकी सहायता से वह देवताओं का ध्यान कर पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सकती थी
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1)सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र थे। क: कुरु साम्राज्य के संस्थापक कुरु थे। इसके बाद राजा शांतनु।ग: विचित्रवीर्य के निधन के बाद व्यास से धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ।
2)देवव्रत ने शिक्षा महर्षि वसिष्ठ से ली थी । शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण कौशल में परशुराम ही उनका मुकाबला कर सकते थे । यह जितने कुशल योद्धा थे उतने ही चतुर राजनीतिज्ञ थे।
3)कुंती की सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि दुर्वासा ने उन्हें ऐसा मंत्र बताया था जिसकी सहायता से वह देवताओं का ध्यान कर पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सकती थी।
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