1 - शेरशाह के भूमि प्रबन्ध पर टिप्पणी लिखिए
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भू-राजस्व प्रशासन
शेरशाह सूरी की वित्त-व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य की आय का मुख्य स्रोत भूमि पर लगने वाला कर था, जिसे लगान कहा जाता था। शेरशाह की लगान व्यवस्था मुख्य रूप से रैयतवाड़ी थी। यह मुल्तान को छोड़कर सभी जगह लागू थी। शेरशाह ने उत्पादन के आधार पर भूमि को 3 श्रेणियों में विभाजित किया – अच्छी, मध्यम और खराब।
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