1 शांतनु कहां के राजा थे ? उन्होंने किस युवती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा ?
2 शांतनु के समक्ष गंगा ने पत्नी बनने के लिए क्या शर्त रखी थी?
3 गंगा ने कितने पुत्रों को नदी की धारा में बहा दिया था ?
4 गंगा जब आठवीं बच्चे को लेकर नदी की और चली शांतनु ने उसे क्या कहा ?
5 राजा को गंगा ने अपना और देवव्रत का परिचय किस प्रकार दिया
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- राजा शांतनु हस्तिनापुर के राजा थे। उन्होंने मल्लाहो के सरदार के पुत्री सत्यवती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा।
- गंगा ने शांतनु के सामने शर्त रखी कि उसे अपने अनुसार काम करने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए, जिस दिन शांतनु उन्हें किसी बात के लिए रोकेंगे, वह उन्हें छोड़कर चली जाएगी।
- देवी गंगा ने अपने 7 पुत्रों को जन्म लेते ही जीवित ही नदी में बहा दिया था
- जब गंगा का 8वां पुत्र हुआ और वह उसे भी नदी में बहाने के लिए ले जाने लगी तो राजा शांतनु से रहा नहीं गया और उन्होंने इस कार्य को करने से गंगा को रोक दिया।गंगाजी ने राजा की बात मानकर वसुओं को वशिष्ठ के शाप का सब हाल कह सुनाया। राजा ने उस 8वें पुत्र को डुबोने नहीं दिया और इस वचनभंगता के कारण गंगा 8वें पुत्र को सौंपकर अंतर्ध्यान हो गईं।
- एक दिन राजा शिकार खेलते खेलते गंगा के तट पर चले गए तो तो देखा किनारे पर खड़ा एक सुंदर और गठीला युवक गंगा की बहती हुई धारा पर बाण चला रहा था। बाणों की बौछार से गंगा की धारा एकदम रुकी हुई थी। यह दृश्य देखकर शांतनु दंग रह गए। इतने में ही राजा के सामने गंगा आकर उपस्थित हो गई। गंगा ने युवक को अपने पास बुलाया और राजा से बोली -"राजन ,पहचाना मुझे और इस युवक को? यही आपका और मेरा आठवां पुत्र देवव्रत है। महर्षि वशिष्ठ ने इसे शिक्षा दी है। शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण कौशल में परशुराम ही इसका मुकाबला कर सकते हैं। यह जितना चतुर योद्धा है ,उतना ही चतुर राजनीतिज्ञ भी है। आपका आपका पुत्र मैं आपको सौंप रही हूं। अब अब ले जाइए आप इसे अपने साथ।
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