Hindi, asked by yashvantparste, 1 month ago


1. शब्द युग्म से आप क्या समझते हैं? सोदाहरण समझाइए।​

Answers

Answered by agamyarathore19
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Answer:

हिंदी के अनेक शब्द ऐसे हैं, जिनका उच्चारण प्रायः समान होता हैं। किंतु, उनके अर्थ भिन्न होते है। इन्हे 'युग्म शब्द' कहते हैं। ... अतएव, वैसे शब्द, जो उच्चारण की दृष्टि से असमान होते हुए भी समान होने का भ्रम पैदा करते हैं, युग्म शब्द अथवा 'श्रुतिसमभिन्नार्थक' शब्द कहलाते हैं

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Answered by vk3267517
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Explanation:

हिंदी के अनेक शब्द ऐसे हैं, जिनका उच्चारण प्रायः समान होता हैं। किंतु, उनके अर्थ भिन्न होते है। इन्हे 'युग्म शब्द' कहते हैं। ... अतएव, वैसे शब्द, जो उच्चारण की दृष्टि से असमान होते हुए भी समान होने का भ्रम पैदा करते हैं, युग्म शब्द अथवा 'श्रुतिसमभिन्नार्थक' शब्द कहलाते हैं।

शब्द युग्म का अर्थ होता है कि सुनने में समान परंतु भिन्न अर्थ वाले शब्द। उदाहरण: पार्वती के भोले नाथ भी कहा जाता है। पार्वती का अर्थ होता है कि शिव की पत्नी शिवा, पार्वती शिव का ही दूसरा नाम है।

युग्म शब्द कि परिभाषा: युग्म का शाब्दिक अर्थ है जोड़ा अर्थात् दो ऐसे शब्द जो उच्चारण और पढ़ने में लगभग एक समान प्रतीत होते हैं, परन्तु उनका अर्थ भिन्न-भिन्न होता है। हिन्दी में ऐसे अनेक शब्द हैं, जो गद्य की अपेक्षा पद्य में ज्यादा उपयोग होते हैं, जिन्हे श्रुति सम-भिन्नार्थक शब्द या शब्द युग्म कहा जाता हैं।

युग्म शब्दों के महत्त्वपूर्ण उदाहरण

अंत- समाप्त

अंत्य- नीचे का

अघ- पाप

अग- सर्प, सूर्य, पहाड़

अजिर- आंगन

अचिर- नवीन

अनल- अग्नि

अनिल- हवा

अंश- भाग

अंस- कंधा

अस्त्र- फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार

शस्त्र- हाथ में पकड़ कर चलाया जाने वाला हथियार

अवलंब- सहारा

अविलंब- तुरंत

अवधि- समय सीमा

अवधी- हिन्दी की एक बोली

अभिराम- सुंदर

अविराम- लगातार

अभिनव- नया

अभिनय- नाटक कार्य

असन- भोजन

आसन- बैठने की जगह

आहर- तालाब

आहार- भोजन

अभिज्ञ- ज्ञाता

अविज्ञ- मुर्ख,

अर्जन- प्राप्त

अर्चन- प्रार्थना

अहम- महत्वपूर्ण

अहम्- मैं/घमण्ड

इति- समाप्त

ईति- बाधा,

इत्र- सुगन्धित पदार्थ

इतर- दुसरा

उदार- दानशील

उद्धार- कर्ज

उपल-पत्थर

उपला- कण्डा

ओर- तरफ

और- तथा

कुल- वंश

कूल- किनार

कृतज्ञ- उपकार मानने वाला

कृतघ्न- उपकार न मानने वाला

कच- बाल

कुच- स्तन,

कूच- प्रस्थान

कंकण- कंगन

कंकड़- पत्थर

कटिबद्ध- तैयार

कटिबंध- कमरबंध

कपोत- कबुतर

कपोल- गाल

कपिश- मटमैला/भूरा

कपिस- रेशमी वस्त्र

कपीश- वानरराज

क्रम- सिलसिला

कर्म- काम

कल्पना- मन ही मन योजना बनाना

कलपना- विलाप करना/ दु:खी होना

केशर- कुमकुम

केसर- सिंह की गर्दन के बाल,

कोर- किनारा

कौर- ग्रास

जगत्- संसार

जगत- कुएं का चबुतरा

ग्रह- नक्षत्र

गृह- घर

क्षति- हानि

क्षिति- पृथ्वी

तरणि- सूर्य

तरणी- नाव

दंस- डंक

दंश- चुभन

निर्माण- रचना

निर्वाण- मोक्ष

निधन- मृत्यु

निर्धन- गरीब,

परिमाण- नाप-तौल

परिणाम- नतीजा

परीक्षा- इम्तिहान

परिक्षा- कीचड़

प्रणय- प्रेम

परिणय- विवाह

पायस- खीर

पावस- वर्षा

बारिश- वर्षा

वारिस- उत्तराधिकारी

बलि- न्योछावर

बली- बलवान

बहु- अधिक

बहू- वधू,

लक्ष्य- उद्देश्य

लक्ष- लाख

वरण- चुनाव

वारण- न्योछावर

संप्रति- अब

संप्राप्ति- प्राप्त

सम- बराबर

शम- शांति

हेम- सोना

हैम- शिव

तर- गीला

तरू- पेड़

द्रव- तरल

द्रव्य- पदार्थ

द्विप- हाथी

द्वीप- टापू

हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनका प्रयोग गद्य की अपेक्षा पद्य में अधिक होता है। इन्हें 'युग्म शब्द' या 'समोच्चरितप्राय भित्रार्थक शब्द' कहते हैं। हिन्दी भाषा की एक खास विशेषता है- मात्रा, वर्ण और उच्चारण प्रधान-भाषा। इसमें शब्दों की मात्राओं अथवा वर्णों में परिवर्तन करने से अर्थ में काफी अन्तर आ जाता है।

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