Hindi, asked by sruthi7640, 3 months ago

1. ताई
रामेश्वरी मनोहर की ताई हैं। वे निःसंतान हैं। अतः कभी-कभी वे अपने देवर के बच्चों पर
यो प्रकट करती हैं। उनको अपने देवर के बच्चों पर अपने पति के प्रेम का व्यवहार पसंद नहीं है।
एक दिन शाम के समय रामेश्वरी छत पर बैठकर हवा खा रही थी। तब मनोहर एक गिरते
पतंग को पकड़ने के लिए घूमा, मगर घूमते समय उसका पैर मुंडेर से फिसलकर गिरने लगा। नीचे
गिरते समय उसने अत्यंत भय तथा करुण दृष्टि से अपनी ताई को बुलाया ।
पहले रामेश्वरी के मन में आया कि अच्छा है. "मरने दो। मगर मनोहर की यह करुण दृष्टि
देखकर उन्होंने व्याकुल होकर मनोहर को पकड़ने का प्रयत्न किया तब तक मनोहर नीचे गिर गया
और उसकी टाँग उखड़ गयी।
इसे देखकर रामेश्वरी बेहोश हो गयी। कभी-कभी चिल्ला उठतीं और कहतीं - "बेटा, मनोहर
मैंने तुझे नहीं बचाया।
कुछ दिनों के बाद रामेश्वरी स्वस्थ हो गयीं। अब वे अपने देवर के बच्चों से द्वेष नहीं करतीं।
मनोहर तो उनका प्राणाधार हो गया।
सीख:- ममता में कभी द्वेष भावना नहीं रहती।
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Answered by saina5338
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