1. तुलसीदास ने शरीर की खेत व मन की किसान से तुलना क्यों की होगी?
2. रहीम के दोहों के भाव अपने शब्दों में लिखिए।
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बोली एक अनमोल है जो कोई जाने बोल यह तराजू तोल के तब मुख बाहर खोल ? इसका अर्थ होगा बोली एक अमूल्य होती है जिसे जानबूझकर नहीं बोला हम बोला जाता है इसको अपने हृदय रूपी तराजू से तोड़कर तब मुख से बाहर करना चाहिए क्योंकि पता मुझे क्या निकल जाए कब क्या निकल जाए इसीलिए हर दिन की तरह से तोड़कर तक से बाहर
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