1) दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनकर लिखिए।
मानव-जीवन के आदिकाल में अनुशासन की कोई संकल्पना नहीं थी और न आज की भाति बड़े-बड़े
नगर या राज्य ही थो मानव जंगल में रहता था, जिसकी लाठी, उसकी भैंस' वाली कहावत उसके जीवन पर
पूर्णत: चरितार्थ होती थी। व्यक्ति पर किसी भी नियम का बंधन या किसी प्रकार के कर्तव्यों का दायित्व नही
था, किंतु इतना स्वतंत्र और निरंकुश हुते हुए भी मानव प्रसन्न नहीं था। आपसी टकराव होते थे, अधिकारों-
कर्तव्यों में संघर्ष होता था और नियमों की कमी उसे खलती थी। धीरे-धीरे उसकी अपनी ही आवश्यकताओं
की पूर्ति के लिए समाज और राज्य का उद्भव और विकास हुआ। अपने उद्देश्य की सिद्धि एवं
आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानव ने अंतत: कुछ नियमों का निर्माण किया उसमें कुछ नियमों का पालन
करवाने का अधिकार राज्य को और कुछ का अधिकार समाज को दे दिया गया। व्यक्ति के बहुमुखी विकास में
सहायक होने वाले इन नियमों का पालन ही अनुशासन कहलाता है।
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i)
इस गद्यांश में 'निरंकुश' शब्द से आशय ऐसे व्यक्ति से है-
क) जो किसी व्यवस्था को न माने
ख) जिसका व्यवहार कुश जैसा न हो
ग) जो अहं भावना से ग्रस्त हो
घ) जो निरपराध एवं निरभिमान हो
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Answer:
क.... जो किसी व्यवस्था को ना माने
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Explanation:
आदि कहानी मानव जीवन किस पर आधारित थ
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