Hindi, asked by sanjayghosh386, 8 months ago

1. दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए
मनुष्य का अपने कर्म पर अधिकार है। वह कर्म के अनुसार फल प्राप्त करता है। अच्छे कर्म करने से फल भी अच्छा
मिलता है। बरे कर्म का परिणाम बरा होता है। कर्म करना बीज बोने के समान है। जैसा बीज होता है वैसे ही पेड़ और
वैसे ही फल होते हैं। एक कहावत है – 'बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाए' इसलिए बड़े-से-बड़े अपराधी अंततः
बुरी मौत मरते हैं । जो बेईमानी से धन कमाते हैं, उनके बच्चे बेईमान और दुश्चरित्र बनते जाते हैं। उनकी बुराई का
परिणाम उन्हें मिल ही जाता है। हमारा व्यक्तित्व हमारे कर्मों का ही प्रतिबिंब है। अगर हम आजीवन कुछ पाने के लिए
भागदौड़ करते हैं तो इससे हमारा जीवन ही अशांत होता है। एक छात्र परिश्रम की राह पर चलता है तो उसे सफलता
तथा संतुष्टि का फल प्राप्त होता है। दूसरा छात्र नकल और प्रवंचना का जीवन जीता है। उसे जीवन भर चोरों, ठगों और
धोखेबाजों के बीच रहना पड़ता है। दुष्ट लोगों के बीच जीना भी तो एक दंड है, अशांति है। अतः मनुष्य को पुण्य कर्म
करने चाहिए। इसी से मन को सच्चा सुख और सच्ची शांति मिलती है।

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Answers

Answered by pallavisharma14
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Explanation:

अरे भाई इसमें क्वेश्चन तो लिखो तभी ना उत्तर बताएंगे

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