1.दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
दुःख की पिछली रजनी बीच,
विकसता सुख का नवल प्रभात;
एक परदा यह झीना नील,
छिपाए है जिसमें सुख गात।
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओं का मूल;
ईश का वह रहस्य वरदान,
कभी मत इसको जाओ भूल।
दागांण
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दुःख की पिछली रजनी बीच,
विकसता सुख का नवल प्रभात;
एक परदा यह झीना नील,
छिपाए है जिसमें सुख गात।
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओं का मूल;
ईश का वह रहस्य वरदान,
कभी मत इसको जाओ भूल।
दागांण
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