Hindi, asked by sajidansari4864, 3 months ago

1. दुर्जन व सज्जन व्यक्ति किस विशेषता के व
भिन्न होते हैं?​

Answers

Answered by Anonymous
22

 \large \mathbb{\underbrace \pink{ANSWER}}

संस्कृत में एक कहावत है कि दुर्जन दूसरों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा बनाकर देखता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को देखते हुए भी नही देखता है। सज्जन या महात्मा ठीक इससे विपरीत होते है। उनका ध्यान दूसरों की बजाय केवल अपने दोषों पर जाता है।

Answered by Anonymous
4

Answer:

\large\mathbb{\underbrace\purple{ANSWER}}

संस्कृत में एक कहावत है कि दुर्जन दूसरों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा बनाकर देखता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को देखते हुए भी नही देखता है। सज्जन या महात्मा ठीक इससे विपरीत होते है। उनका ध्यान दूसरों की बजाय केवल अपने दोषों पर जाता है।

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