1. दूरदर्शन जनसंचार का सबसे सशक्त माध्यम है। इस कथन के सन्दर्भ में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
Answers
Explanation:
लोकसंपर्क का अर्थ बड़ा ही व्यापक और प्रभावकारी है। लोकतंत्र के आधार पर स्थापित लोकसत्ता के परिचालन के लिए ही नहीं बल्कि राजतंत्र और अधिनायकतंत्र के सफल संचालन के लिए भी लोकसंपर्क आवश्यक माना जाता है। कृषि , उद्योग , व्यापार , जनसेवा और लोकरुचि के विस्तार तथा परिष्कार के लिए भी लोकसंपर्क की आवश्यकता है। लोकसंपर्क का शाब्दिक अर्थ है ‘ जनसधारण से अधिकाधिक निकट संबंध। प्राचीन काल में लोकमत को जानने अथवा लोकरुचि को सँवारने के लिए जिन साधनों का प्रयोग किया जाता था वे आज के वैज्ञानिक युग में अधिक उपयोगी नहीं रह गए हैं। एक युग था जब राजा लोकरुचि को जानने के लिए गुप्तचर व्यवस्था पर पूर्णतः आश्रित रहता था तथा अपने निदेशों , मंतव्यों और विचारों को वह शिलाखंडों , प्रस्तरमूर्तियों , ताम्रपत्रों आदि पर अंकित कराकर प्रसारित किया करता था। भोजपत्रों पर अंकित आदेश जनसाधारण के मध्य प्रसारित कराए जाते थे। राज्यादेशों की मुनादी कराई जाती थी। धर्मग्रंथों और उपदेशों के द्वारा जनरुचि का परिष्कार किया जाता था। आज भी विक्रमादित्य , अशोक , हर्षवर्धन आदि राजाओं के समय के जो शिलालेख मिलते हैं उनसे पता चलता है कि प्राचीन काल में लोकसंपर्क का मार्ग कितना जटिल और दुरूह था। धीरे धीरे आधुनिक विज्ञान में विकास होने से साधनों का भी विकास होता गया और अब ऐसा समय आ गया है जब लोकसंपर्क के लिए समाचारपत्र , मुद्रित ग्रंथ , लघु पुस्तक - पुस्तिकाएँ , प्रसारण यंत्र ( रेडियो , टेलीविजन ) , चलचित्र , ध्वनिविस्तारक यंत्र आदि अनेक साधन उपलब्ध हैं।
दूरदर्शन जनसंचार का सबसे सशक्त माध्यम इसलिए है।
- दूरदर्शन के माध्यम से हम बहुत सारे लोगों तक अपना सन्देश पहुंचा सकते हैं।
- आजकल बहुत सारे लोगों के घर मे दूरदर्शन आ चुका है बच्चे से लेकर बड़े सभी लोग दूरदर्शन देखते हैं ।
- दूरदर्शन जनसंचार के सबसे सशक्त माध्यमों मे से एक है।
- दूरदर्शन की पहुँच बहुत बड़ी है और दूरदर्शन के माध्यम से सरकार से लेकर बड़ी कंपनियां तक अपना सन्देश पहुंचती हैं।
- आजकल के इस डिजिटल युग मे दूरदर्शन जनसंचार का बहुत ही ज़्यादा सशक्त माध्यम है।