1) देश के प्रति अपनी आस्था और प्रेम को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए |
Answers
Answer:
प्रस्तावना
देशभक्ति दुनिया की सबसे शुद्ध भावनाओं में से एक है। एक देशभक्त अपने देश के हित के प्रति निःस्वार्थ भाव महसूस करता है। वह अपने देश के हित और कल्याण को सबसे पहले रखता रखते है। वह बिना सोचे समझे अपने देश के प्रति त्याग करने के लिए तैयार भी हो जाता है।
देशभक्ति एक गुण है जिसे हर किसी के अंदर होना चाहिए
हमारे देश को हमारी मातृभूमि के रूप में जाना जाता है और हमें अपने देश से वैसे ही प्यार करना चाहिए जैसे हम अपनी मां से करते हैं, जो लोग अपने देश के लिए वहीं प्रेम और भक्ति महसुस करते है, जो वो अपने मां और परिवार के लिए करते है तो सहीं मायने में वहीं असली देशभक्त होते हैं। देशभक्ति एक गुण है जिसे प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर होना चाहिए। देशभक्तों से भरा देश, निश्चित रूप से उस स्थान की तुलना में रहने योग्य एक बेहतर जगह बन जाता है जहां लोग धर्म, जाति, पंथ और अन्य मुद्दों के नाम पर सदैव एक दूसरे के साथ लड़ा करते हैं। वह जगह जहां लोगों के पास कम स्वार्थ होगें वहां निश्चित रूप से कम संघर्ष होंगा तथा उनके अन्दर देशभक्ति के गुण विकषित होगें।
जाने हर किसी के अंदर देशभक्ति के गुण क्यों होना चाहिए
- राष्ट्र निर्माण
जब हर कोई राष्ट्र को हर पहलू से मजबूत बनाने की दिशा में समर्पित करता है, तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है जो देश को आगे बढ़ने और विकसित होने से रोके। देशभक्तों ने राष्ट्र के हित को सबसे पहसे रखा और इसके सुधार के लिए सदैव समर्पित रहे।
- शांति और सद्भाव बनाए रखना
एक अच्छा राष्ट्र वह है जहां हर समय शांति और सद्भाव बनाए रखा जाता है। जहां लोगों के अन्दर भाईचारे की भावना होती है तथा वे दूसरे की मदद और समर्थन करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। देशभक्ति की भावना देशवासियों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है।
- एक आम लक्ष्य के लिए काम करना
देशभक्त, देश के लक्ष्य तथा उसके सुधार के लिए काम करते हैं। जब हर किसी को एक ही लक्ष्य या मिशन की तरफ आकर्षित किया जाता है तो ऐसा कोई भी रास्ता नहीं होता, जो उन्हें अपने लक्ष्य को हासिल करने से रोक सके।
- बिना किसी स्वार्थ के उद्देश्य से
देशभक्त बिना किसी व्यक्तिगत रुचि के अपने देश के लिए निःस्वार्थ रूप से काम करते हैं। अगर हर किसी में देशभक्ति की भावना है और वह अपने व्यक्तिगत हित को संतुष्ट करने के बारे में नहीं सोचता है, तो निश्चित रूप से इससे देश को लाभ होंता है।
- बिना भ्रष्टाचार के
यदि राजनीतिक नेताओं के अन्दर देशभक्ति की भावना है, तो वे वर्तमान परिस्थिति के विपरीत देश के लिए काम करेंगे तथा सत्ता में लोग देश के उत्थान के लिए काम करने के बजाय खुद के लिए पैसे कमाने में व्यस्त रहते हैं। इसी तरह, यदि देश के सरकारी अधिकारी और अन्य नागरिक देश की सेवा की दिशा में दृढ़ रहेगें तथा स्वयं के लिए स्वार्थी बनकर धन कमाने से दुर रहेगें तो निश्चित रुप से भ्रष्टाचार का स्तर कम हो जाएगा।
देशभक्ति को अंधराष्ट्रीयता में नहीं बदला जाना चाहिए
देशभक्त होना एक महान गुण है। हमें अपने देश से प्यार और उसका सम्मान करना चाहिए और जितना भी हम कर सकते हैं देश के प्रति उतना करना चाहिए। देशभक्ति की भावना रखना सकारात्मक बीन्दुओं को दर्शाते हैं कि यह कैसे देश को समृद्ध और बढ़ने में मदद कर सकता है। हालांकि, कुछ लोग का देश के प्रति अत्यधिक प्रेम और अपने देश को श्रेष्ठतर और सर्वोपरी मानना अंधराष्ट्रीयता को दर्शाता है कुछ भी अत्यधिक होना बेकार होता है चाहे वो देश के प्रति अधिक प्यार ही क्यू न हो। अंधराष्ट्रीयता में अपने देश की विचारधाराओं और अपने लोगों की श्रेष्ठता की तर्कहीन धारणा में दृढ़ विश्वास दूसरों के लिए घृणा की भावना पैदा करता है। यह अक्सर देशों के बीच संघर्ष और युद्ध को बढ़ावा देती है साथ ही साथ शांति और सद्भाव को भी बाधित करती हैं।
अतीत के कई उदाहरण हैं जिनमें अंधराष्ट्रीयता के कारण टकराव हुए और वे दंगो में परिवर्तित हो गए देशभक्ति और अंधराष्ट्रीयता के बीच एक बहुत ही पतली सी रेखा है। देशभक्ति एक निःस्वार्थ भावना है जबकि अंधराष्ट्रीयता कट्टरपंथी और तर्कहीन है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी देश की प्रति भक्ति और प्रेम उस समय उनकी अंधराष्ट्रीयता में ना परिवर्तित हो जाए।
निष्कर्ष
किसी का उसके मूल भूमि के प्रति प्यार उसके देश के प्रति उसका सबसे शुद्धतम रूप है। एक व्यक्ति जो अपने देश के लिए अपने हितों का त्याग करने के लिए तैयार रहता है, हमें उसे सलाम करना चाहिए है। दुनिया के प्रत्येक देश को ऐसी भावना रखने वाले लोगों की अत्यधिक आवश्यकता है।