1. धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?
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धूल का शिशु के जीवन में बहुत महत्त्व है। किसी भी शिशु के मुख पर लगी धूल उसकी सुंदरता पर चार चांद लगा देती है। तभी वह धूलि भरे कहलाते है । धूल उनके शरीर को और तंदुरुस्त भी करती है। धूल के बिना किसी भी शिशु की कल्पना नहीं की जा सकती।
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dहूल के बिना शिशु की कल्पना इस लिए नहीं की जा सकती क्यंकि शिशु चलते, खलते, उठते, बठते जब गिरता है तब उसके शरीर पर धूल लगती ही लगती है ।
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