1. ' ध्वनि ' कविता में ध्वनि शब्द से क्या अभिप्राय है ? 2. सूर्यकांत त्रिपाठी “ निराला ' पुष्पों को किस प्रकार सींचना चाहते हैं ? 3. बदलू की बनाई चूड़ियों की खपत अधिक क्यों थी ? 4. बदलू लेखक से क्या बातें करता था ? 5. लेखक को बस वयोवृद्ध क्यों लगी ? 6. ' दीवानों की हस्ती ' कविता में दुनिया को भिखमंगा क्यों कहा है ? 7. ' दीवानों की हस्ती कविता में दीवानों के जीवन का क्या लक्ष्य था ? 8. पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों कहा गया है ? 9. पक्षी और बादल मानव को क्या संदेश देना चाहते हैं ? 10. भारतवर्ष में भौतिक वस्तुओं को अधिक महत्त्व क्यों नहीं दिया जाता था ?
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1.ध्वनि शब्द का अभिप्राय है 'आवाज'। इस कविता में ध्वनि शब्द अंतर्मन की पुकार हेतु प्रयोग किया गया है।
2.फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि फूलों का आलस्य समाप्तकर उन्हें अपने नवजीवन रूपी अमृत से सींचना चाहते हैं
3. बदलू की बनाई गई चूड़ियों की बहुत खपत इसलिए थी क्योंकि वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती थीं आस - पास के गाँवों के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे।
4.बदलू लेखक से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछता कभी लेखक से उसके घर के बारे में पूछता और कभी यूं ही शहर की जीवन के बारे में पूछता।
5.बस देखने में अत्यधिक पुरानी व खस्ता हालत में थी। उसे देखकर ही लग रहा था कि वह बैठने की हालत में भी नहीं है। इसलिए लेखक ने उसे वयोवृद्ध कहा।
6.कवि ने दुनिया को भिखमंगा कहा है, क्योंकि इस संसार के पास देने के लिए कुछ नहीं। यह तो केवल लेना ही जानता है। यह राष्ट्रगान गाकर वीरों के हौंसले नहीं बढ़ा सकता लेकिन ये राष्ट्र के दीवाने सभी पर खुशियाँ लुटाते हुए आगे बढ़ते हैं। वे सभी से प्रेम करते हैं।
7.दीवानों के जीवन का लक्ष्य देश की आजादी के लिए अपने जीवन का समर्पण करना है।
8.कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। उनके लाए संदेश को हम भले ही न समझ पाए, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेतें हैं।
9.पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। ये चिट्टियाँ एक रूप में ईश्वर का सन्देश है जिसमें प्रेम, एकता, सद्भाव और समानता का भाव होता है।
10.भौतिक वस्तुओं के संग्रह से कोई लाभ नहीं होता। क्योंकि भारतीय संस्कृति धार्मिक मनोभावों को बढ़ावा देती है। क्योकि भारतीय संस्कृति अंतिरिक गुणों को प्रभावी मानती हैं।
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