1. उचित संबंधबोधक शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्यों को पूरा कीजिए-
क. माली पेड़ घास काट रहा है।
ख. मेरे घर मंदिर है। ग. पेड़ की टहनी कोयल का घोंसला है। घ. वह मेज़ लेटा है।
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Answer:
क. माली पेड़ और घास काट रहा है।
ख. मेरे घर में मंदिर है।
ग. पेड़ की टहनी पर कोयल का घोंसला है।
घ. वह मेज पीआर लेटा है।
Answer:
कालवाचक संबंधबोधक :- जिन अव्यय से समय का पता चलता है उसे कालवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर पहले , बाद , आगे , पीछे , पश्चात , उपरांत आते हैं वहाँ पर कालवाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) राम के बाद कोई अवतार नहीं हुआ।
2. स्थानवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर बाहर , भीतर , ऊपर , नीचे , बीच , आगे , पीछे ,सामने , निकट आते हैं वहाँ पर स्थानवाचक संबंधबोधक होते है।
जैसे :- (i) मेरे घर के सामने बगीचा है |
3. दिशावाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द दिशा का बोध कराते है उन्हें दिशा वाचक संबंधबोधक कहते है। जहाँ पर निकट , समीप , ओर , सामने , तरफ , प्रति आते हैं वहाँ पर दिशावाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) परिवार की तरफ देखो कि कितने भले हैं।
4. साधनवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द किसी साधन का बोध कराते है उन्हें साधनवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर निमित्त , द्वारा , जरिये , सहारे ,माध्यम , मार्फत आते है वहाँ पर साधनवाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) वह मित्र के सहारे ही पास हो जाता है।
5. विरोधसूचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द प्रतिकूलता या विरोध का बोध कराते हैं उन्हें विरोधसूचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर उल्टे , विरुद्ध , प्रतिकूल , विपरीत आते हैं वहाँ पर विरोधसूचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) आतंकवादी कानून के विरुद्ध लड़ते हैं।
6. समतासूचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द समानता का बोध कराते हैं उन्हें समतासूचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर अनुसार , सामान्य , तुल्य , तरह , सदृश , समान , जैसा , वैसा आते हैं वहाँ पर समतावाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) मानसी के समान मीरा भी सुंदर है।
7. हेतुवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर रहित , अथवा , सिवा , अतिरिक्त आते है वहाँ पर हेतुवाचक संबंधबोधक होता है।
8. सहचरसूचक संबंधबोधक :- जहाँ पर समेत , संग , साथ आते हैं वहाँ पर सहचरसूचक संबंधबोधक होता है।
9. विषयवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर विषय , बाबत , लेख आते हैं वहाँ पर विषयवाचक संबंधबोधक होता है।
10. संग्रवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर समेत , भर , तक आते हैं वहाँ पर संग्रवाचक संबंधबोधक होता है।
11. कारणवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द किसी कारण का बोध कराते हैं उन्हें कारणवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर कारण , हेतु , वास्ते , निमित्त , खातिर आते है वहाँ पर कारणवाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) रावण अपनी दुष्टता के कारण मारा गया।
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12. सीमावाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द सीमा का बोध कराते हैं उन्हें सीमावाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर तक , पर्यन्त , भर , मात्र आते है वहाँ पर सीमावाचक संबंधबोधक होता है।
जैसे :- (i) समुद्र पर्यन्त यह पृथ्वी तुम्हारी है।
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