1. वाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
2. वाच्य के कितने भेद होते हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
3. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन के नियम बताइए।
4. भाववाच्य व कर्मवाच्य में क्या अंतर है?
Answers
1-क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
उदाहरण-i-पत्र राधा द्वारा लिखा जाता है।
ii-तुमसे लिखा नहीं जाता।
2-कर्तृवाच्य :–
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है।
उदाहरण-रमेश केला खाता है।
कर्मवाच्य :–
जिस वाक्य में कर्म मुख्य हो तथा इसकी सकर्मक क्रिया के लिंग, वचन व पुरूष कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
उदाहरण-सुमंत द्वारा आम खाया जाता है।
3-कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है। कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित किया जाता है। परिवर्तित क्रिया के साथ 'जाना' क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदला जाता है।
4-कर्मवाच्य : जिस वाक्य में केंद्र बिंदु कर्ता ना होकर कर्म हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं। भाववाच्य: जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता ना होकर अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख हो उसे भाववाचय कहते हैं।