Hindi, asked by sagarkori713, 17 days ago

1. विश्व के सकल जन कैसे हो रहे हैं

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Answered by prasunmishra
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Answer:

विश्व के सकल जन गर्मी से व्याकुल और बेचैन वहो रहे है। कवि के अनुसार गर्मी के तेज ताप के कारण सारी धरती के सारे लोग व्याकुल और बेचैन हो रहे हैं, वह बहुत ही उदास हो रहे हैं। बादलों से निवेदन करने हैं, कि आप वर्षा के रूप में यहां बरसो पूरी धरती को इस गर्मी से मुक्त करो।

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Answered by bhatiamona
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विश्व के सकल जन कैसे हो रहे हैं?

विश्व के सकल जन गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और वे गर्मी के प्रकोप व्याकुल हैं।

व्याख्या :

‘उत्साह’ कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बादलों का आह्वान करते कहते हैं, कि ओ बादल तुम गरजो और बरसं। तुम सारे आकाश को घेरकर मूसलाधार बरसात कर दो। तुम जल रूपी नया जीवन प्रदान करो, क्योंकि गर्मी विश्व के सकल जन गर्मी से बेहाल हो रहे हैं।

गर्मी के प्रकोप के कारण इस धरती के निवासी व्याकुल और बेचैन हैं। वह उदास हैं तुम बरसात कर उनके जीवन को शीतलता से भर दो और गर्मी के ताप से व्याकुल धरती को शीतलता प्रदान करो।

#SPJ3

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कुछ और जानें :

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बादल उन्मन और विकल हैं, क्योंकि उनसे प्राणि जगत की सूर्य के ताप और गर्मी से बेहाल दशा देखी नही जा रही।

उत्साह कविता में 'नवजीवन वाले'किसको कहा गया है और क्यों?

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