1. वृषणों से यदि लीडिग कोशिकाएँ नष्ट हो जाये तो नर के लैंगिक लक्षणों पर क्या प्रभाव
पड़ेगा?
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Answer:
जनन हेतु सक्षम हो पाता है । ... इसमें आप न तो बच्चे रहते हैं और न ही ... के कारण कुछ 103 गौण लैंगिक लक्षण
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मानव अंडाणु, या डिंब, मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिकाओं में से एक है। कार्ल अर्नस्ट वॉन बेयर ने 1827 में स्तनधारी डिंब की खोज की थी। अंडोत्सर्ग के बाद, अंडा 12 से 24 घंटे तक जीवित रहता है और उस समय में उसे निषेचित किया जाना चाहिए। एक अंडा कोशिका एक चयापचय रूप से सक्रिय कोशिका है, पदार्थ अवशोषित और उत्सर्जित होते हैं।
Explanation:
मादा के शरीर के अंदर होने वाले निषेचन को आंतरिक निषेचन कहते हैं। यह मनुष्य एवं अन्य जंतुओं जैसे कि मुर्गी, गाय एवं कुत्ते इत्यादि में होता है। वह निषेचन जो मादा के शरीर के बाहर होता है, बाह्य निषेचन कहलाता है। यह मेंढक, मछली, स्टॉरफिश इत्यादि में दिखाई देता है
आंतरिक निषेचन तब होता है जब शुक्राणु महिला के अंदर अंडे को निषेचित करता है ; तीन विधियाँ हैं: ओविपैरिटी, विविपैरिटी और विविपैरिटी। बाहरी निषेचन एक प्रकार का प्रजनन है जिसमें नर प्राणी के शुक्राणु महिला के शरीर के बाहर मादा जीव के अंडे को निषेचित करते हैं
जब अण्डे व शुक्राणु का शरीर के बाहर निषेचन होता है, तब इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। इसकी सबसे बड़ी हानि यह है कि इसमें अण्डाणु का निषेचन निश्चित नहीं होता जिसके कारण बड़ी सख्या मे शुक्राणु बनते हैं
मानव अंडाणु, या डिंब, मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिकाओं में से एक है। कार्ल अर्नस्ट वॉन बेयर ने 1827 में स्तनधारी डिंब की खोज की थी। अंडोत्सर्ग के बाद, अंडा 12 से 24 घंटे तक जीवित रहता है और उस समय में उसे निषेचित किया जाना चाहिए। एक अंडा कोशिका एक चयापचय रूप से सक्रिय कोशिका है, पदार्थ अवशोषित और उत्सर्जित होते हैं।
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