1) विद्यार्थी मंडल।
2) ज्ञानेश्वरी।
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. ज्ञानेश्वरी का भाषा सौंदर्य, उपमा व अलंकारों का अभ्यास, विविध दृष्टïांत देकर सिद्घांत सिद्घ करने, तर्कशास्त्र, व्याकरण व तत्वज्ञान, अध्यात्म और व्यवहार शास्त्र का अभ्यास 10 हजार विद्यार्थियों को एक साथ कराने का संकल्प किए जाने की जानकारी आयोजन समिति के श्रीराम पंत जोशी ने महावीर प्रांगण, नंदनवन में आयोजन स्थल पर शुक्रवार को पत्र परिषद में दी।
उन्होंने बताया कि ज्ञानेश्वरी पारायण में सहभागी होने वाले शहर की विविध स्कूलों के विद्यार्थियों को 10 हजार ग्रंथराज ज्ञानेश्वरी का दान किया गया है।
6 जनवरी से 13 जनवरी तक होने जा रहे ज्ञानेश्वरी पारायण में ह.भ.प. मुकुंदकाका जाटदेवलेकर विद्यार्थियों को ज्ञानेश्वरी की 9000 ओवियों का अभ्यास कराएंगे। मुकुंदकाका को ज्ञानेश्वरी की संपूर्ण ओवियां कंठस्थ है। वे जन्म से दृष्टिïहीन हंै।
आयोजन स्थल पर 10 हजार विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता के बैठने के लिए 85 वर्ग फीट मैदान पर पंडाल बनाया गया है। वाहनों की पार्किंग के लिए परिसर के चार मैदान आरक्षित किए गए हैैं। ज्ञानेश्वर पारायण अर्थात अभ्यास के बाद सुबह 10.30 से 11.30 बजे के दौरान उपस्थितों के भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
आयोजन स्थल पर स्वास्थ्य सेवा किए जाने की जानकारी दी गई । पत्र परिषद में सीताराम तलेकर, प्रवनकार दिलीप डबीर, कार्याध्यक्ष डॉ. गोपाल बेले, विलास डांगरे, सुनील काशीकर, नगरसेवक दिव्या घुरडे, वाल्मिक आंबेकर, ईश्वर घिरडे आदि उपस्थित थे।
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