1.
वायु का संघटन बताइए?
Answers
Answer:
वायुमंडल का संगठन/संघटन (Composition of atmosphere) निम्नलिखित तत्वों से हुआ है –
गैस (GASES)
भौतिक दृष्टि से वायुमंडल विभिन्न गैसों का सम्मिश्रण है. 10 प्रमुख गैस वायुमंडल के संगठन/संघटन (atmosphere composition) के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं –
गैसें (Gases) आयतन (%) स्रोत
नाइट्रोजन 78.03 जैविक
ऑक्सीजन 20.99 जैविक
आर्गन 0.93 रेडियोलॉजी
कार्बन डाईऑक्साइड 0.03 जैविक, औद्योगिक
हाइड्रोजन 0.01 जैविक, प्रकाश रसायनिक
नियोन 0.0018 आतंरिक
हीलियम 0.0005 रडियोलॉजी
क्रिप्टान 0.0001 आतंरिक
जेनान 0.000005 आतंरिक
ओजोन 0.0000001 प्रकाश रसायनिक
प्रमुख गैसें
नाइट्रोजन (NITROGEN)
यह जैविक रूप से निष्क्रिय और भारी गैस (gas) है.
इसका चक्रण वायुमंडल, मृदामंडल और जैवमंडल में अलग-अलग होता है.
राइजोबियम बैक्टीरिया वायुमंडलीय नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में ग्रहण करता है.
यह नाइट्रिक ऑक्साइड के रूप में अम्ल वर्षा (Acid Rain) के लिए उत्तरदाई है.
ऑक्सीजन (OXYGEN)
यह प्राणदायिनी गैस है.
इस भारी गैस का संघनन वायुमंडल के नीचले भाग में है.
कार्बन डाईऑक्साइड (CARBON DIOXIDE)
पौधे कार्बन डाईऑक्साइड से ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं.
विविध कारणों से इस गैस की सांद्रता (Gas concentrations) में वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन की समस्या उत्पन्न हो रही है.
ओजोन (OZONE)
वायुमंडल में अति अल्प मात्र में पाए जाने वाले ओजोन का सर्वाधिक सांद्रण 20-35 कि.मी. की ऊँचाई पर है.
ओजोन सूर्य से आने वाली घातक पराबैगनी किरणों (UV rays) को रोकती है.
वर्तमान में CFC एवं अन्य ओजोन क्षरण पदार्थों की बढ़ती मात्र के कारण ओजोन परत (ozone layer) का क्षरण एक गंभीर समस्या के रूप में उभरी है.
गैसों में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाईऑक्साइड आदि भारी गैसें (heavy gases) हैं जबकि शेष गैसें हलकी गैसें (light gases) हैं और वायुमंडल के ऊपरी भागों में स्थित हैं.
कार्बन डाईऑक्साइड एवं ओजोन अस्थायी गैसे हैं जबकि नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और नियोन स्थायी गैसें हैं.
जलवाष्प (WATER VAPOUR)
वायुमंडल में आयतानुसार 4% जलवाष्प की मात्र सदैव विद्दमान रहती है.
जलवाष्प की सर्वाधिक मात्र भूमध्य रेखा के आसपास और न्यूनतम मात्र ध्रुवों के आसपास होती है.
भूमि से 5 किमी. तक के ऊंचाई वाले वायुमंडल में समस्त जलवाष्प का 90% भाग होता है.
जलवाष्प सभी प्रकार के संघनन एवं वर्षण सम्बन्धी मौसमी घटनाओं के लिए जिम्मेदार होती है.
ज्ञातव्य है कि वायुमंडल में जलमंडल का 0.001 % भाग सुरक्षित रहता है.
धूल कण (DUST MITES)
इसे एयरोसोल भी कहा जाता है. विभिन्न स्रोतों से वायुमंडल में जानेवाले धूलकण आर्द्रता ग्राही नाभिक का कार्य करते हैं.
धूलकण सौर विकिरण के परावर्तन और प्रकीर्णन द्वारा ऊष्मा अवशोषित करते हैं.
वर्णात्मक प्रकीर्णन के कारण आकाश का रंग नीला और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय-समय दिखने वाला रंग धूलकणों की ही देन है.
ऊषाकाल एवं गोधूली की तीव्रता एवं उसकी अवधि के निर्धारण में धूलकणों की प्रमुख भूमिका होती है.
धूलकण एवं धुएँ के कण आद्रता ग्राही नाभिकों का भी कार्य करते हैं.
धूलकणों का सर्वाधिक जमाव ऊपोष्ण व औद्योगिक क्षेत्रों में एवं न्यूनतम जमाव ध्रूवों के निकट पाया जाता है.