Hindi, asked by vp5315901, 6 months ago

(1) व्यजन सधि
(111) स्वर सधि
(1) विसर्ग संधि
(iv) अयादि संधि
(ग) व्यक्तित्व का विलोम शब्द है-
(6) सामाजिक
(ii) व्यक्तित्व
(11) निजी
(iv) अपनत्व
प्रश्न-2 संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पडता है ?
प्रश्न-3 आपके विचार से एक सद्गुरू सम्पन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है ?
प्रश्न-4 प्रस्तुत गद्याश का उपर्युक्त शीर्षक दीजिए-​

Answers

Answered by suvrnaaher1986
2

Answer:

संधि – संधि का शाब्दिक अर्थ है-मेल। अर्थात् जब दो निकटवर्ती ध्वनियाँ आपस में मिल जाती हैं और एक नया रूप धारण करती हैं तब उसे संधि कहते हैं; जैसे-सूर्य+ उदय-सूर्योदय।

यहाँ ‘सूर्य’ की अंतिम ध्वनि ‘अ’ तथा ‘उदय’ की प्रारंभिक ध्वनि ‘उ’ पास-पास आकर एक नया रूप ‘ओ’ बना रही हैं। इस परिवर्तन या विकार का नाम संधि है।

कुछ और उदाहरण –

रेखा + अंकित = रेखांकित

राका + ईश = राकेश

लोक + उक्ति = लोकोक्ति

पा + अन = पवन

अति + अंत = अत्यंत

संधि के भेद – संधि के तीन भेद हैं –

स्वर संधि

व्यंजन संधि

विसर्ग संधि।

1. स्वर संधि- दो स्वरों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं; जैसे –

शिव+आलय=शिवालय

महा+आत्मा महात्मा

नर-ईश-नरेश

एक-एक एकैक

स्वर संधि के भेद –

स्वर संधि के पाँच भेद हैं –

(क) दीर्घ संधि

(ख) गुण संधि

(ग) वृद्धि संधि

(घ) यण संधि

(ङ) अयादि संधि।

(क) दीर्घ संधि-जब ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ से परे क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आए तो दोनों मिलकर आ, ई, ऊ

हो जाते हैं, जैसे- शास्त्र + अर्थ = शास्त्रार्थ, धर्म + अर्थ = धर्मार्थ

Explanation:

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Answered by jdhsyjdhdu
0

Answer:

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Explanation:

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