1) 'वन' पृथ्वी को ईश्वर का वरदान है। इनका मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है। मानव जीवन के लिए आवश्यक भोजन, वस्त्र और आवास की पूर्ति अधिकांशतः वन वृक्षों के माध्यम से ही होती है। अनाज, शहद, वस्त्रों हेतु कपास, विभिन्न दवाइयों की जड़ी-बूटियाँ, रंग-रोगन, गोंद आदि वनों से ही प्रचुर मात्रा में प्राप्त किए जा सकते हैं। कागज उद्योग भी बॉस के जंगलों पर आधारित है। ईधन के रूप में प्रयोग में लाई जाने वाली लकड़ी और कोयला भी हमें वनों से ही प्राप्त होता है। प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में भी वनों का विशेष योगदान है। प्राणी जगत के साँस लेने हेतु ऑक्सीजन के भंडार भी वन है। वन्य प्राणियों के संरक्षण भी वन है। वर्तमान में हम अपनी ज़रूरतों को पूरा करने हेतु निरंतर वनों को काटते जा रहे हैं जिसका परिणाम होगा 'प्राकृतिक असंतुलन' जिससे हमें अपार बीमारियों, तूफानों , ज़लज़लों, बाढ़ों, बेवक्त बरसातों आदि का सामना करना पड़ सकता है। प्रश्न क) वन मनुष्य जीवन हेतु क्यों आवश्यक है ? ख) वन हमें क्या - क्या प्रदान करते हैं? ग) वन्य प्राणी का संरक्षण कहाँ है ? घ) प्राकृतिक असंतुलन का परिणाम क्या होगा ? ङ) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
Answers
Answered by
7
Answer:
( क) वन मानव जीवन के लिए आवश्यक है क्योंकि ऑक्सीजन, अनाज वस्त्र आदि मानव जरुरती चीजे हमें बन से ही प्राप्त होती हैं और वन प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखते हैं ।
(ख) वन हमे आवास, वस्त्र, भोजन ,अनाज ,जड़ी बूटिया आक्सीजन आदि प्रदान करते है।
(ग) वन्य प्राणी संरक्षण जंगल में है ।
(घ) प्राकृतिक असंतुलन के कारण हमें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जैसे की बीमारी ,तूफान ,बरसात, बाढ़ आदि ।
( ङ) प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक-------से लिया गया है यह --------द्वारा रचित है |
Similar questions
Social Sciences,
4 months ago
Math,
4 months ago
Physics,
9 months ago
Hindi,
1 year ago
Psychology,
1 year ago