1 वर्ष का 3_4 भाग = महीना
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Answer:
(A) मुख्य अवधारणाएं और परिणाम
वह संख्या जिसे p/q के रूप में व्यक्त किया जा सके, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 एक परिमेय संख्या कहलाती है।
एक परिमेय संख्या का न्यूनतम (या निम्नतम) रूपः एक परिमेय संख्या p/q न्यूनतम या निम्नतम या सरलतम रूप में कही जाती है, यदि p और q में 1 के अतिरिक्त कोई अन्य सार्व गुणनखंड न हो, जहाँ q ≠ 0 है।
Step-by-step explanation:
परिमेय संख्याओं में योग, व्यवकलन (घटाना), गुणन और विभाजन (भाग) उसी प्रकार किये जाते हैं, जैसे भिन्नों में किये जाते हैं।
परिमेय संख्याएँ योग, व्यवकलन और गुणन की संक्रियाओं के अंतर्गत संवृत होती हैं।
परिमेय संख्याओं के लिए योग और गुणन की संक्रियाएं
क्रमविनिमेय होती हैं।
सहचारी होती हैं।
परिमेय संख्या 0 परिमेय संख्याओं के लिए योज्य तत्समक होता है।
परिमेय संख्या 1 परिमेय संख्याओं केलिए गुणन तत्समक होता है।
परिमेय संख्या a/b का योज्य -a/b होता है और -a/b का योज्य प्रतिलोम a/b होता है।
परिमेय संख्या a/b का व्युत्क्रम या गुणन प्रतिलोम c/d होता है, यदि a/b × c/d = 1 हो।
परिमेय संख्याओं का वितरण गुण- सभी परिमेय a, b और c संख्याओं के लिए a (b + c) = ab + ac तथा a (b – c) = ab – ac होता है।
परिमेय संख्याओं को एक संख्या रेखा पर निरूपित किया जा सकता है।
दी हुई दो परिमेय संख्याओं के बीच में अपरिमित रूप से अनेक परिमेय संख्याएँ होती हैं। दी हुई दो परिमेय संख्याओं वेफ बीच में परिमेय संख्याएँ ज्ञात करने के लिए, माध्य की धरणा सहायक होती है।