1 वर्तमान विकसित अवस्था तक मनुष्य कैसे पहुंँचा।
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अन्न उपजाकर
धन में बुद्धि के बल पर
परिश्रम करके
सुखों को भोगकर
2 मन और बुद्धि द्वारा किया जाने वाला कार्य कहलाता है ?
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चतुरता
विश्राम
विवेक
परिश्रम
3 परिश्रमी व्यक्ति के गुण हैं-
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आत्मविश्वासी, स्वाभिमानी, संघर्षी एवं स्वयं का भाग्य-निर्माता
स्वाभिमानी,संघर्षी,दयालु एवं चरित्रवान
स्वयं का भाग्य-निर्माता,आत्म-विश्वासी एवं दयालु
चरित्रवान,आत्मविश्वासी, भाग्यवादी,सत्यवादी
4 परिश्रम को ' कामधेनु ' कहने का आशय है ?
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सारी बाधाओं को दूर करना
सारी परिस्थितियों को बदलना
सारी इच्छाओं को दबाना
सारी मनोकामनाओं को पूरा करना
5 कौन जीवन में पीछे रह जाता है ?
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जो धीरे चलता है
जो बिना सोचे तेज चलता है
जो परिश्रम के समय इंकार करता है
जो आत्मविश्वास का सहारा नहीं लेता
6 परिश्रम करने वाला व्यक्ति मनुष्य सदा रहता है ?
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सुखी
दुखी
आलस्य पूर्ण
इनमें से कोई नहीं
7 ' उन्नति' का द्वार क्या है ?
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मनुष्य
भाग्य
वर्तमान
परिश्रम
8 ' परिश्रम ' शब्द का अर्थ है ?
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आराम
विश्राम
मेहनत
इच्छा
9 परिश्रमी व्यक्ति का जीवन………….. से पूर्ण होता है। रिक्त स्थान की पूर्ति करो।
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परिश्रम
स्वाभिमान
संघर्ष
कामधेनु
10 ' उन्नति ' शब्द का विलोम होगा ?
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अवनति
परिश्रम
भाग्य
बाधा
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