1) "वरदान माँगूंगा नहीं" कविता का संक्षिप्त सार लिखिए।
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वरदान मागूँगा नहीं कविता का सारांश
वरदान मागूँगा नहीं कविता का सारांशश्री शिवमंगल सिंह 'सुमन'-विरचित कविता 'वरदान माँगूंगा नहीं' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। कवि का यह मानना है जीवन एक युद्ध है और इसमें हुई हार एक ठहराव है। इसलिए मैं यह संकल्प कर रहा हूँ कि मैं मिट-मिट कर भी किसी के सामने दया के लिए हाथ नहीं फैलाऊँगा और न लूँगा।
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