1. यह साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आता है?
2. इसके रचयिता कौन है ?कहानी का नाम क्या हैं ?
3. अवकाश प्राप्ति के बाद पापा के घूमने जाने की आदत में क्या बदलाव आया ?
4. अंत में हाथ की छड़ी को टेक कर पापा को क्यों जाना पड़ा ?
5. कहानी का संदेश क्या है ?
PLS GIVE ME A BRILLIANT ANSWER
DONT GIVE RUBBISH ONE
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Sorry bro idont no !!!!!!!!!!!!!!!
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समय: यशपाल की कहानी
Explanation:
- यह साहित्य उन के लिए है जो रिटायरमेंट के बाद अपने को परिवार के लिए बोझ समझना शुरू कर देते है |
- इसके रचयिता यशपाल है |
- कहानी का नाम ‘समय ‘ है |
- पापा जी के अवकाश प्राप्ति के बाद उनका घूमने जाने की आदत में बदलाव तो नही आया मगर मम्मी जी के पांव में दर्द के चलते वे अब पापा जी का साथ नहीं दे पाती है और पापा जी चूँकि अकेले जाना नहीं चाहते इसलिए घर के किसी न किसी बच्चे को साथ ले कर जाना पड़ता है मगर अब वे बच्चे हर समय बाजार जाने को तैयार रहते थे अब साथ जाने से कतराने लगे
- बच्चे जो हर समय बाजार जाने को तैयार रहते थे अब साथ जाने से कतराने लगेI
- जब वह अपने बच्चे से सुनते हैं बूढ़े के साथ बोर हो जाते हैंI पापा ने छड़ी टेकते हुए किसी की ओर देखे बिना घूमने के लिए चले गए , मानो उन्होंने समय को स्वीकार कर लिया |
- कहानी का संदेश है यशपाल जी की यह रचना अत्यंत ही प्रासंगिक है| आधुनिकता के फैशन तले दबी नई पीढ़ी का अपनी जड़ों से यह अलगाव उनके ही लिए घातक सिद्ध हो रहा है| 'समय' कहानी के माध्यम से लेखक यशपाल यह सन्देश देना चाहते हैं कि जब बच्चे युवा हो जाएँ, अपना हित-अहित सोचने में सक्षम हो जाएँ, औचित्य-अनौचित्य का निर्णय करने में समर्थ हो जाएँ तो बुजुर्गों को न तो हस्तक्षेप करना चाहिए, न ही उसे परिवर्तित करना चाहिए
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