1. यशोदा मैया से कौन क्या शिकायत कर रहा है?
2. कृष्ण अपनी चोटी न बढ़ने के लिए यशोदा को क्या उलाहना देते हैं?
3. 'बल' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है? उनकी चोटी कैसी है?
4. माताएँ श्रीराम के प्रति अपना दुलार कैसे व्यक्त करती हैं?
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to the end I was a bit disappointed that the two had been a little more difficult for the last couple years than I had ever seen in proportion of all of the time and the 6 week series is RS a bit too late to see if it was able for an album that the first of its original album is
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1) बलराम की यशोदा से की शिकायत
भोलेपन से श्रीकृष्ण कहते है मैया इतना ही नहीं अब तो ग्वाल-बाल भी मुझे छेड़ने लगे हैं, वे मुझे बहला-फुसला कर नचाते हैं और फिर सब हंसते हैं. इतना कहने के बाद भगवान कृष्ण और क्रोध में आ जाते हैं और ताना देकर अपनी माता से कहते हैं मैया तून सिर्फ मुझे ही मारना सीखा है.
2)दोनों पदों में प्रथम पद सबसे अच्छा लगता है। क्योंकि यहाँ बाल स्वभाववश प्राय: श्रीकृष्ण दूध पीने में आनाकानी किया करते थे। तब एक दिन माता यशोदा ने प्रलोभन दिया कि कान्हा ! ... उनकी माता से उनकी नाराज़गी व्यक्त करना, दूध न पीने का हट करना, बलराम भैया की तरह चोटी पाने का हट करना हृदय को बड़ा ही आनंद देता है।
3)Bal sabd ka pryog baldev ke liye kiya gya hai.... unki choti lambi or moti hai.
4)''काल करै सो आज कर, आज करै सो अब। पल में परलै होइगी, बहुरि करेगा कब।।'' समय का एक-एक पल बहुत मूल्यवान है और बीता हुआ पल वापस लौटकर नहीं आता। इसलिए समय का महत्व पहचानकर प्रत्येक विद्यार्थी को नियमित रूप से अध्ययन करना चाहिए और अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी चाहिए।