1. ज़मींदार की क्या इच्छा थी?
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जमींदार साहब को अपने महल का हाता उस झोपड़ी तक बढा़ने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोपड़ी हटा ले, पर वह तो कई जमाने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोपड़ी में मर गया था. पतोहू भी एक पांच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी. अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी.
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sorry ! this question is from literature book
I have not read it book.
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