10 5. निम्नलिखित गद्यांश का एक तिहाई में संक्षिप्त रूप लिखिए :- “भाई ! तुम्हारे दिल्ली आने के निर्णय से हमें खुशी हुई। तुम्हें देख बहुत दिन भी तो हो गये। आते तो बड़ा ही चिन्न प्रल होता। लेकिन मुझे दुःख है कि में स्वयं तुम्हें यहाँ न आने की सलाह लिख रहा है। मैं अपने बड़े-से-बड़े स्वार्थ के लिए भी तुम्हारा अहित नहीं सोच सकता। बात यह है कि वास्तव में यह मोसम दिल्ली आने का नहीं है। सफर जो परेशानी सल होती है और रेलगाड़ियों में जो मुसीबत है, वह तो दर-किनार, उसे तो तुम जब आओगे, खुद भुगतकर ही समझोगे, मगर इतनी दिक्कत के बाद जब दिल्ली पहुँचोगे तो यहाँ का हाल देखकर तुम्हें भारी निराशा होगी। एक तरफ चेचक चल रही है तो दूसरी तरफ़ हैजा फैल रहा है। न कहीं आने के और न कहीं जाने के। दिन भर घर में कैद पड़े और बाहर निकलो, तो आजकल न यहाँ कोई थियट्रिकल कम्पनी है, न सिनेमाओं में अच्छे खेल ही चल रहे हैं। फिर आजकल समय भी जरा बाहर निकलने का कम ही है। मेरी तो तुमसे मिलने की बड़ी इच्छा है, मगर क्या बताऊँ, परिस्थितियों मेरी भावनाओं को लाचार किये दे रही हैं और में तुम्हें यहाँ फिलहाल न आने की ही सलाह देने के लिए विवश
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दिए गए गद्यांश का एक तिहाई में संक्षिप्त रूप निम्न प्रकार से लिखा गया है।
- " भाई! तुमने दिल्ली आने की जानकारी लिखी है, हमें बहुत प्रसन्नता हुई। तुमसे मिलने की हम सभी की बहुत इच्छा है परन्तु बात यह है कि इन दिनों दिल्ली में परिस्थितियां तथा मौसम दोनों सही नहीं हैं।
- एक तो इन दिनों रेलगाड़ी से सफर करना बहुत कठिन हो गया है, दूसरे इतनी तकलीफ उठकर दिल्ली पहुंची तो तुम्हे बहुत निराशा होगी।
- दिल्ली में एक तरफ हैजा फैला हुआ है तथा दूसरी तरफ चेचक। इन दिनों यहां न तो थियेटर सही ढंग से खुले है न ही अन्य कोई मनोरंजन का स्थान । यहां आने के बाद तुम्हे चौबीस घंटे घर में ही बिताने पड़ेंगे ।
- इस कारण मै स्वयं ही तुम्हे यहां आने के लिए मना कर रहा हूं।
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