10. भारतीय द्वीपसमूहों की स्थिति और उनकी रचना पर प्रकाश
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भारत के सीमा क्षेत्र के भीतर कुल 247 द्वीप समूह शामिल हैं जिनमें 204 बंगाल की खाड़ी तथा शेष अरब सागर एवं मन्नार की खाड़ी (भारत व श्रीलंका के मध्य) में फैले हुए हैं। संरचना की दृष्टि से खाड़ी के द्वीप सागरीय द्वीपों से भिन्न हैं। अरब सागरीय द्वीप प्रवाल निर्मित हैं जबकि बंगाल की खाड़ी के द्वीप टर्शियरी पर्वतीकरण से सम्बद्ध हैं। कुल द्वीपों को दो श्रेणियों में रखा जा सकता है- निकटवर्ती द्वीप (Offshore islands) जो तट से 1 से 5 किमी. दूर स्थित हैं तथा सुदूरवतीं द्वीप जो तट से 5 किमी. से अधिक दूर स्थित हैं।
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह Andaman and Nicobar Islands
ये द्वीप समूह एक संकरी श्रृंखला के रूप में उत्तर से दक्षिण दिशा में फैले हैं। ये 6°89’ तथा 13°34′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित हैं। द्वीप समूह का क्षेत्रफल 8249 वर्ग किमी. है। इस द्वीप समूह का उत्तरी छोर मुख्य भूमि से 901 किमी. दूर है, जबकि दक्षिणी छोर सुमात्रा (इंडोनेशिया) से मात्र 146.5 किमी. की दूरी पर स्थित है।
अंडमान एवं निकोबार दो मुख्य समूहों से बना है। अंडमान के अंतर्गत उत्तरी, मध्य तथा दक्षिणी अंडमान तीन द्वीप समूह शामिल हैं, जो निकोबार से 121 किमी. चौड़े दस डिग्री चैनल द्वारा पृथक् किये जाते हैं। निकोबार समूह में 19 द्वीप शामिल हैं, जिनमें ग्रेट निकोबार सबसे बड़ा है।
लक्षद्वीप Lakshadweep
लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और 5 जलमग्न बालू के तट शामिल हैं।
1973 में लक्काद्वीप (Laccadives), मिनीकॉय (minicoy) तथा अमीन दीवी (Amindivigroup) को मिलाकर लक्षद्वीप नाम दिया गया। यह एक जिला संघीय राज्य क्षेत्र (District Union Territory) है, जिसका क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी. है। यह द्वीप केरल तट से 220 से 440 किमी. की दूरी पर स्थित है। ये समस्त द्वीप अव्यस्थित रूप से समुद्र में फैले हुए हैं। लक्षद्वीप शब्द का अर्थ है- 1 लाख द्वीपों का समूह। लक्ष्य का आशय एक चिन्ह अथवा उद्देश्य का चिन्ह भी हो सकता है। यह द्वीप अफ्रीका तथा भारत के दक्षिणी-पश्चिमी मालाबार तट के बीच प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध व्यावसायिक मार्ग के रूप में चिन्हित है।
इन द्वीप समूहों का निर्माण वायु के कारण तटीय बालू के रूप में परिवर्तित प्रवाल बालू तथा तरंगों एवं धाराओं की गतिविधियों द्वारा हुआ है। लक्षद्वीप के प्रवाल-द्वीप (Attols) अन्य प्रवाल-द्वीपों (Corols Attols) की भांति दो महत्वपूर्ण खनिज निक्षेपों-फॉस्फेट एवं कैल्शियम कार्बोनेट-से परिपूर्ण हैं। सम्पूर्ण द्वीप समूह पर फॉस्फेट निक्षेप पक्षियों अथवा जलमुर्गों के उत्सर्जन द्वारा निर्मित हुए हैं। लैगूनों (प्रवाल वलय से घिरी हुई समुद्र तटीय झील) में बड़ी मात्रा में लगभग शुद्ध रूप में कैल्शियम कार्बोनेट बालू पाई जाती है।
पामबन द्वीप Pamban Island
चट्टानी सतह वाला पामबन द्वीप भारत व श्रीलंका के बीच स्थित है। यह तमिलनाडु के रामनाङ जिले में प्रायद्वीपीय सतह का एक विस्तार है।