10 examples of bhrantiman alankar in hindi
Answers
भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा : -
जहाँ प्रस्तुत को देखकर किसी विशेष साम्यता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम हो जाता है, वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है। उदाहरण :-
1.चंद के भरम होत मोड़ है कुमुदनी।
2.नाक का मोती अधर की कान्ति से,
बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से,
देखकर सहसा हुआ शुक मौन है,
सोचता है, अन्य शुक कौन है।
3.चाहत चकोर सूर ऒर दृग छोर करि।
चकवा की छाती तजि धीर धसकति है।
4. बादल काले- काले केशों को देखा निराले।
नाचा करते हैं हरदम पालतू मोर मतवाले।।
5. पाँव महावर दें को नाइन बैठी आय।
पुनि-पुनि जानि महावरी एड़ी भीजत जाय।।
6. कपि करि ह्रदय विचार, दीन्ह मुद्रिका डारि तब.
जनु असोक अंगार, दीन्ह हरषि उठि कर गहेउ
7. जान स्याम घन स्याम को, नाच उठे वन-मोर
8. चाहत चकोर सूर ओर, दृग छोर करि,
चकवा की छाती तजि, धीर धसकति है