India Languages, asked by sjnmarketz1761, 1 year ago

10 examples of visarg Sandhi

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Answered by deepthipriya921
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Answer:

Visarga Sandhi Rules

(क) विसर्ग के पहले यदि ‘अ’ और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का ओ हो जाता है। जैसे-

मनः + अनुकूल = मनोनुकूल ।

अधः + गति = अधोगति ।

मनः + बल = मनोबल ।

(ख) विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में कोई स्वर हो, वर्ग के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण अथवा य्, र, ल, व, ह में से कोई हो तो विसर्ग का र या र् हो जाता है। जैसे-

निः + आहार = निराहार ।

निः + आशा = निराशा ।

निः + धन = निर्धन ।

(ग) विसर्ग से पहले कोई स्वर हो और बाद में च, छ या श हो तो विसर्ग का श हो जाता है। जैसे-

निः + चल = निश्चल ।

निः + छल = निश्छल ।

दुः + शासन = दुश्शासन ।

(घ)विसर्ग के बाद यदि त या स हो तो विसर्ग स् बन जाता है। जैसे-

नमः + ते = नमस्ते ।

निः + संतान = निस्संतान ।

दुः + साहस = दुस्साहस ।

(ड़) विसर्ग से पहले इ, उ और बाद में क, ख, ट, ठ, प, फ में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग का ष हो जाता है। जैसे-

निः + कलंक = निष्कलंक ।

चतुः + पाद = चतुष्पाद ।

निः + फल = निष्फल ।

(ड)विसर्ग से पहले अ, आ हो और बाद में कोई भिन्न स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है। जैसे-

निः + रोग = निरोग ।

निः + रस = नीरस ।

(छ) विसर्ग के बाद क, ख अथवा प, फ होने पर विसर्ग में कोई परिवर्तन नहीं होता। जैसे-

अंतः + करण = अंतःकरण

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