10. किसी जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। एक दिन वह खाने की तलाश में इधर-उधर घूम रही थी। उसने अंगूर की
बेल देखी। बेल में अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे। अंगूरों को देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। उसने अंगूरों को
के लिए कई बार छलांग लगाई। अन्त में निराश होकर उसने कहा, "अंगूर खट्टे हैं।"
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लोमड़ी और अंगूर
एक लोमड़ी थी, जो अगर खाने की बहुत शौकीन थी । एक बार वह अंगूरों के बाग से गुजर रही थी । चारों ओर स्वादिष्ट अंगुरों के गुच्छे लटक रहे थे । मगर वे सभी लोमड़ि का पहुच से बाहर थे ।
अंगुरों को देखकर लोमड़ी के मुह में बार-बार पानी भर आता था । वह सोचने लगा: ‘वाह ! कितने सुंदर और मीठे अंगूर है । काश मैं इन्हें खा सकती ।’ यह सोचकर लोमड़ी उछल-उछल कर अंगूरों के गुच्छों तक पहुंचने की कोशिश करने लगी ।
परंतु वह हर बार नाकाम रह जाती । अंत में बेचारी लोमड़ि उछल-उछल कर थक गई और अपने घर की ओर चल दी । जाते-जाते उसने सोचा : ‘ये अंगूर खट्टे हैं । इन्हें पाने के लिए अपना समय नष्ट करना ठीक नहीं !’
निष्कर्ष: जब कोई मूर्ख किसी वस्तु को प्राप्त नहीं कर पाता तो वह उसे तुच्छ दृष्टि से देखने लगता है |
Explanation:
जय मातृभूमि
Answer:
Hey dear please mujhe is account pe nahi is account pe follow karo jisse maine tumhe answer diya hai.
![](https://hi-static.z-dn.net/files/da0/99fa5325387ab0084dccaaea4425a405.jpg)