Hindi, asked by neelamkumari24530, 8 months ago

10. लॉकडाउन के चलते पाबंदियों में आपने स्वतन्त्रता के महत्व को किस प्रकार समझा
है? स्वतन्त्रता चाहे मनुष्य के लिए हो या पशु - पक्षियों के लिए, अपने विचार व्यक्त
करते हुए एक अनुच्छेद लिखिए।​
please give me the answer

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Answered by Anonymous
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Answer:

मेरठ, जेएनएन। इन दिनों सुबह-सुबह घर की छत या नजदीकी पेड़ पर भूरे रंग की चिड़िया की आवाज कानों में पड़ रही है। यह ब्राउन रॉक चैट यानी दामा है। काली चोंच वाली काली-सफेद चिड़िया गा रही है। यह बांग्लादेश की राष्ट्रीय पक्षी मैगपाई रॉबिन यानी दईयार है। नीली-पीली चोंच व काले माथे वाली चिड़िया प्रसन्न मुद्रा में जोर-जोर से गा रही है। वह ब्राह्मनी मैना यानी पवई है। काला-नीला चमकदार पक्षी भौंरे की तरह गाता दिखे तो वह पर्पल सनबर्ड यानी सकरखोरा है। कोयल की तरह दिखने वाले पक्षी कौवे या चील की मिमिक्री करते दिखे तो समझ लीजिए कि यह ब्लैक ड्रैंगो यानी कोतवाल है। यह सब इन दिनों खुश हैं और हमारे आस-पास इनकी आवाज भी खूब सुनाई दे रही है।

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