10 लेखक के नाम और उसके पुस्तक | संस्कृत के भाषा में लिखिए
Answers
Answer:
सारनाथ का अशोक स्तंभ हो या नेपाल का लुम्बनी, संस्कृत एक ऐसी भाषा है, जिसका ज़िक्र ऋग्वेद में मिलता है, तो ग्रीस में मौजूद इंडिका भी इसके साक्ष्यों का प्रमाण देता है. संस्कृत विश्व की एकलौती ऐसी प्राचीन भाषा है, जो आज भी न सिर्फ अपने अस्तित्व को बनाए हुए है बल्कि अपने महत्व को भी कायम रखे हुए है.
विश्व के कई वैज्ञानिक संस्कृत को कंप्यूटर के लिहाज़ से सबसे फ्रेंडली लैंग्वेज के रूप में भी परिभाषित कर चुके हैं. आज हम आपको संस्कृत भाषा में लिखी कुछ ऐसी किताबों के बारे में बता रहे हैं, जिनके भीतर भारत का सारा इतिहास समाहित है.
आर्यभटीय
प्रखंड विद्वान और सूर्य के अलावा नक्षत्रों की दूरी को सटीकता से मापने वाले खगोलवैज्ञानिक आर्यभट्ट द्वारा इस किताब को लगभग 500 AD वर्ष पूर्व लिखा गया था. इस किताब में गणित के सूत्रों के अलावा खगोल विज्ञान से जुड़ी कई जानकारियां वर्णित है.
454309713
अर्थशास्त्र
दूसरी या तीसरी सदी के बीच लिखी गई कौटिल्य द्वारा अर्थशास्त्र राज-पाठ चलाने से ले कर कई राजतंत्र और प्रजातंत्र की नीतियों के अलावा शत्रुओं की कूटनीति से भरपूर है. इसे प्राचीन भारत का संविधान भी कह सकते हैं.
207691749
Source: outlook
अभिज्ञानशकुंतलम
पहली से चौथी सदी के बीच कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञानशकुंतलम प्राचीन भारत की सबसे बड़ी कहानियों में से एक है. संस्कृत भाषा की महान कृतियों में से एक अभिज्ञानशकुंतलम का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
127908274
मुद्राराक्षस
300 से 700 ईसा पूर्व लिखी गई मुद्राराक्षस की रचना विशाखादत्त द्वारा की गई थी. चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल की जानकारियों के अलावा इसमें नन्द सल्तनत के पतन के कारणों का पता चलता है.
947764877
पंचतंत्र
विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र की रचना तीसरी सदी के आस-पास की गई थी. जानवरों और इंसानों को आधार बना कर इसमें ऐसी कहानियों को चित्रित किया गया है, जो शिक्षा और संदेशों से भरपूर हैं.
अष्टाध्यायी
संस्कृत की व्याकरण के रूप में पहचानी जाने वाली अष्टाध्यायी की रचना पाणिनि ने छठी से चौथी सदी के बीच की थी. अष्टाध्यायी की रचना के बाद ही संस्कृत की कई महान रचनाएं देखने को मिलती हैं.
कामसूत्र
कामसूत्र की रचना वात्स्यायन द्वारा दूसरी सदी के आस-पास की गई थी. इसका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. इसमें गृस्थ आश्रम के अलावा प्रेम से सबंधित बातों का वर्णन है. पर आज कुछ प्रकाशकों ने धन के लालच में इसकी परिभाषा को तोड़-मरोड़ के लोगों के बीच प्रस्तुत किया है.
योगसूत्र
मह्रिषी पतंजलि द्वारा 400 ईसापूर्व लिखी गई योगसूत्र का भारतीय भाषाओं के अलावा कई विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. इसमें योग और आयुर्वेद से संबंधित कई चीज़ों का ज़िक्र है.
राजतरंगिणी
12वीं सदी में कल्हण द्वारा लिखित राजतरंगिणी में कश्मीर के इतिहास से जुड़े 2000 वर्षों का वर्णन है, इसके बगैर कश्मीर के इतिहास को समझना नामुमकिन सा लगता है.
हर्षचरित
7वीं सदी में बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में प्राचीन भारत के राजा हर्षवर्धन की उपलब्धि का ज़िक्र मिलता है. हर्षवर्धन की जीवनी में भारत में इस्लाम के आगमन के बारे में भी पता चलता है.