10 lines about festival Pongal in Hindi
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पारम्परिक रूप से पोंगल सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है। इसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है। यह त्यौहार चार दिनों के लिए मनाया जाता है। पहला दिन 'भोगी', दूसरा दिन 'पोंगल', तीसरा दिन 'मट्टु पोंगल' व अंतिम चौथा दिन 'कानूम पोंगल' के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु के प्रायः सभी सरकारी संस्थानों में पोंगल के त्यौहार के अवसर पर अवकाश रहता है।
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पोंगल पर्व
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◆किसानों का पोंगल त्योहार मुख्य रूप से दक्षिण भारत मे मनाया जाता है ।
◆पोंगल त्यौहार से एक पहले महिलाएं अपने घरों को अच्छे साफ़ करते हैं। वे बड़े मिटटी से बनाए हुए बर्तनों को कुमकुम और स्वस्तिक से सजाते हैं।
◆इस त्यौहार को तमिल नाडू के साथ साथ पडोसी राज्य जैसे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भी धूम-धाम से मनाया जाता है।
◆पोंगल त्यौहार मुख्यतः चार तरह का होता है:
* भोगी पोंगल
* सूर्य पोंगल
* मट्टू पोंगल
* कन्या।
◆इस उत्सव में घर के बेकार सामान को लकड़ी और गाय के गोबर की आग से फेंक दिया जाता है। लड़कियां उस आग के चारों ओर नृत्य करती हैं देवताओं की प्रशंसा में गीत गाती हैं।
◆पोंगल के दूसरे दिन पूजा या कृत्रिम पूजा का कार्य तब किया जाता है जब चावल को मिट्टी के बरतन में घर के बाहर दूध में उबाला जाता है और इसे अन्य दैवीय वस्तुओं के साथ सूर्य-देवता को अर्पण किया जाता है।
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