10 lines of rainbow in Hindi
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इंद्रधनुष (Rainbow) देखने से हमारे शरीर में सकरात्मक उर्जा का संचार होता है।
इंद्रधनुष (Rainbow) को सात रंगों का झूला के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह सात रंगों से मिलकर बना होता है जैसे लाल , पीला , हरा , नारंगी , नीला ,बैंगनी और गहरा नीला।
इंद्रधनुष से सूर्य और वर्षा का मेल होता है।
इसे भगवान इंद्र का धनुष भी कहा जाता है क्योंकि इंद्र को बारिश का देवता समझा जाता है ।
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इंद्रधनुष यानि के सात रंगा झूला पानी की लाखों बूंधों के अपवर्तन से बना होता है।
यह मुख्य रूप से गोल आकृति का बना होता है।
कैसे बनता है
जब वर्षा की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो यह रिफ्लेक्ट यानी के तिरछी हो जाती हैं फिर बूंदों से निकलते समय लाइट रिफ्लेक्ट यानी के प्रतिबिंब बनाती हैं सूर्य की किरणें कई कोणों पर रिफ्लेक्ट होती हैं जिस कारण इंद्रधनुष बनता है।
इंद्रधनुष (Rainbow) की बाहरी परत लाल रंग में होती है क्योंकि लाल रंग का प्रकाश कम मुड़ता है जबकि सबसे अंदर की परत बैंगनी रंग की होती है क्योंकि इसका प्रकाश सबसे ज्यादा मुड़ता है ।
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जब धरती के वातावरण में बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो आसमान में लाइट का प्रतिबिंब बन जाता है जो कई रंगों वाले इंद्रधनुष का रूप ले लेता है।
इसके इलावा पानी की धार के पीछे पड़ने वाली सूरज की किरणों में भी इंद्रधनुष बनता है।
आसमान में रेनबो यानी के इन्द्रधनुष का बनना बारिश की छोटी छोटी बूंदों का कमाल होता है बारिश के दिनों में यहीं बूंदे एक प्रिज्म का काम करती हैं यदि एक प्रिज्म में देखा जाए तो इससे पता चलता है के कैसे सूरज की किरणें सात रंगों में बिखर जाती है। रोजाना जो हम रौशनी देखते हैं वो सफेद नहीं होती बल्कि वह कई रंगों से मिलकर बनी होती है परन्तु रेनबो के समय यह उल्ट हो जाती है मतलब यह हमें तब दिखती है जब रौशनी अपने सात रंगों में दिखाई देने लगती है यह रोशनी सात रंगों में बारिश के मौसम में दिखाई देने लगती है।