Hindi, asked by yeshumatiyara, 10 months ago

10 lines on chankya in hindi​

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Answered by kshitijsharma29
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Chanakya in Hindi

आचार्य चाणक्य जो कि विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे उन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ, ‘ द अर्थशास्त्र’ लिखा था। इस ग्रंथ में उन्होंने संपत्ति, अर्थशास्त्र और भौतिक सफलता के संबंध में उस समय तक के लगभग हर पहलू को भारत में लिखा था। राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विकास के लिए किए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान की वजह से उन्हें इस क्षेत्र का विद्धान और अग्रणी माना जाता है।

 

आचार्य चाणक्य के महान विचारों को अगर अपने जीवन में उतार लिया जाए तो वाकई हमारा जीवन सफल हो सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमत्ता और कुशाग्र विचारों से कूटनीति और राजनीति की बेहद सरल व्याख्या की है । भारतवर्ष में चाणक्य को एक समाज का सेवक और विद्वान माना जाता हैं।

चाणक्य की नीतियों से कई विशाल साम्राज्य भी स्थापित किए गए हैं आइये जानते हैं महान विद्धान चाणक्य के जीवन के बारे में और उनकी महानता के बारे में और उनके जीव के संघर्षों के बारे में कि वे कैसे गरीबी को पार कर इतने प्रखर विद्धान बने इसके साथ ही उनके अनमोल विचारों के बारे में भी हम आपको नीचे विस्तार से बताएंगे।

चाणक्य का जीवन परिचय – Chanakya Biography in Hindi

Chanakya Biography in Hindi

आचार्य चाणक्य के बारेमें – Information about Chanakya in Hindi

नाम (Name) चाणक्य

जन्म (Birthday) 350 ईसा पूर्व (अनुमानित स्पष्ट नहीं है)

मृत्यु की तिथि (Death) 275 ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, (आधुनिक पटना में) भारत

शैक्षिक योग्यता (Education) समाजशास्त्र, राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन, आदि का अध्ययन।

वैवाहिक स्थिति विवाहित

पिता (Father Name) ऋषि कानाक या चैनिन (जैन ग्रंथों के अनुसार)

माता (Mother Name) चनेश्वरी (जैन ग्रंथों के अनुसार)

आचार्य चाणक्य का जन्म – Chanakya History in Hindi

”भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते हैं।”

ऐसे महान विचारों के प्रणेता महापंडित चाणक्य के जन्म के बारे में कुछ भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है, फिर भी उनका जन्म बौद्ध धर्म के मुताबिक 350 ईसा पूर्व में तक्षशिला के कुटिल नामक एक ब्राह्मण वंश में हुआ था। उन्हें भारत का ‘मैक्यावली‘ भी कहा जाता है।

आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य के जन्म के बारे में अलग-अलग मतभेद हैं। वहीं कुछ विद्धान उन्हें कुटिल वंश का मानते हैं इसलिए कहा जाता है कि कुटिल वंश में जन्म लेने की वजह से उन्हें कौटिल्य के नाम से जाना गया। जबकि कुछ विद्धानों की माने तो वे अपने उग्र और गूढ़ स्वभाव की वजह सेत ‘कौटिल्य’ के नाम से जाने गए।

जबकि कुछ विद्धानों की माने तो इस महान और यशस्वी विद्धान का जन्म नेपाल की तराई में हुआ था जबकि जैन धर्म के अनुसार उनकी जन्मस्थली मैसूर राज्य स्थित श्रवणबेलगोला को माना जाता है।

जन्म स्थान को लेकर ‘मुद्राराक्षस‘ के रचयिता के अनुसार उनके पिता को चमक कहा जाता था इसलिए पिता के नाम के आधार पर उन्हें चाणक्य कहा जाने लगा।  

चाणक्य का जन्म एक बेहद गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होनें अपने बचपन में काफी गरीबी देखी यहां तक की गरीबी की वजह से कभी-कभी तो चाणक्य को खाना भी नसीब नहीं होता था और उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ता था।

चाणक्य बचपन से क्रोधी और जिद्दी स्वभाव के थे उनके उग्र स्वभाग के कारण ही उन्होनें नन्द वंश का विनाश करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि चाणक्य शुरू से ही साधारण जीवन यापन करने में यकीन करते थे।

उनके बारे में कहा जाता है कि महामंत्री का पद और राजसी ठाट होते हुए भी इन्होंने मोह माया का फ़ायदा कभी नहीं उठाया। चाणक्य को धन, यश, मोह का लोभ नहीं था। कौटिल्य ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे थे उनके जीवन के संघर्षों और उनकी नेक विचारों ने उन्हें एक महान विद्धान बनाया था।

चाणक्य की शिक्षा-दीक्षा – Chanakya Education

महान विद्धान चाणक्य की शिक्षा-दीक्षा प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय में हुई थी। वे बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी और एक होनहार छात्र थे उनके पढ़ने में गहन रूचि थी। वहीं कुछ ग्रंथों के मुताबिक चाणक्य ने तक्षशिला में शिक्षा ग्रहण की थी।

आपको बता दें कि तक्षशिला  एक उत्तर-पश्चिमी प्राचीन भारत में शिक्षण का प्राचीन केंद्र था। ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए, चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध रणनीतियों, दवा, और ज्योतिष जैसे कई  विषयों की अच्छी और गहरी जानकारी थी। वे इन विषयों के विद्धान थे।  

यह भी माना जाता है कि वे ग्रीक और फारसी भी जानते थे। इसके अलावा उन्हें वेदों और साहित्य का अच्छा ज्ञान था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे तक्षशिला में राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बन गए उसके बाद वे  सम्राट चंद्रगुप्त के भरोसेमंद सहयोगी भी बन गए थे।

Answered by mukeshgurjar2643
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hindi mai chankya 10 line

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